हवा को बचाने की होड़, धरती के साथ नई जोड़।
सलीम अहमद साहिल
“चूनाखान में गूंजी हरियाली की पुकार – कार्बन क्रेडिट से सजेगी पर्यावरण की तस्वीर?”
“जंगलों के गीतों को रोकने वाले हाथ अब हरियाली की ओर बढ़े हैं।
धरती के सीने में धड़कन बनी रहे, इसके लिए एक नई कहानी लिखी जा रही है।”
19 दिसंबर 2024, चूनाखान टेरी (TERI) और रिन्यू (RENEW) संस्थाओं ने उत्तराखंड के खूबसूरत चूनाखान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। विषय था – ‘कार्बन फाइनेंसिंग और क्रेडिट परियोजनाएं’। ये कार्यशाला सिर्फ चर्चा नहीं थी, बल्कि पर्यावरण बचाने की एक नई दिशा तलाशने का प्रयास था।
कार्यशाला की शुरुआत प्रेरणादायक अंदाज में RENEW के CEO जे.वी. शर्मा (Retd. IFS) ने की। उन्होंने कार्बन क्रेडिट के महत्व और इसमें वन विभाग की सक्रिय भूमिका पर जोर दिया। इसके बाद मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं डॉ. धीरज पांडे और वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. विनय भार्गव ने कार्यशाला की रूपरेखा और उसके महत्व पर अपनी बातें रखीं।
“सवाल ये नहीं कि धरती को बचाएंगे कैसे, सवाल ये है कि कोशिश कब शुरू करेंगे?”टेरी और रिन्यू ने इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की, जिसमें पश्चिमी और दक्षिण कुमाऊं के वन अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से वन पंचायत प्रतिनिधियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की।
कार्यशाला में प्रस्तुतियों के जरिए न केवल समस्याओं पर चर्चा हुई, बल्कि उनके संभावित समाधान भी सामने आए। कार्यक्रम का समापन विभागीय अधिकारियों और आयोजकों के बीच विमर्श और ठोस योजनाओं के साथ हुआ।
“हर कदम जो हरियाली की ओर बढ़ेगा, वही इस धरती की सांसों को बचाएगा।”अब सवाल यही है – क्या यह कार्यशाला पर्यावरण बचाने के सफर में एक नई रोशनी बन पाएगी?जवाब तो समय देगा, लेकिन उम्मीद आज जगी है।”