उत्तराखंड बस हादसा फिर सामने आई परिवहन विभाग की लापरवाही रामनगर की सड़कों को भी किया जा रहा है अनदेखा
सलीम अहमद साहिल
उत्तराखंड – 26 दिसंबर 2024: उत्तराखंड में एक और बस हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। सोमवार को भीमताल में एक रोडवेज बस 300 मीटर गहरी खाई में गिर गई, जिससे 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 25 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं और बचाव कार्य शुरू कर दिया।
पिछली घटनाओं का दर्दनाक सिलसिला यह घटना उत्तराखंड की सड़कों पर हो रही दुर्घटनाओं की एक दुखद कड़ी में जोड़ती है। पिछले कुछ वर्षों में भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऐसे ही कई बस हादसे हुए हैं, जिनमें अनगिनत जानें चली गईं और कई परिवार तबाह हो गए। हर बार हादसे के बाद जांच के आदेश दिए जाते हैं, लेकिन स्थितियां जस की तस बनी रहती हैं।
अगर बात रामनगर की जाए तो उत्तराखंड में हो रहे सड़क दुर्घटनाओं को लेकर रामनगर की जिम्मेदार अधिकारी सबक लेते हुए दिखाई नहीं दे रहे और ना ही अपना कर्तव्य निभाने को तैयार है
रामनगर परिवहन विभाग की लापरवाही रामनगर की सड़कों की हालत और परिवहन विभाग की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है। यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसे रोकने में नाकाम हैं। दफ्तर में बैठे अधिकारी सिर्फ कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके लिए लोगों की जिंदगियों की कोई कीमत नहीं है।
एआरटीओ (प्रादेशिक परिवहन अधिकारी) की लापरवाही की कहानियां आम हैं। वे इन हादसों से सबक नहीं लेते और न ही मुख्यमंत्री के सख्त आदेशों का पालन करते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि न तो अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा की चिंता है और न ही वे अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर हैं।
रामनगर की सड़कों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। गड्ढों से भरी सड़कों और अनियंत्रित यातायात ने दुर्घटनाओं की संभावना को और बढ़ा दिया है। जरूरत है कि सड़कों की मरम्मत और यातायात नियमों के सख्त पालन पर ध्यान दिया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।