डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य का ‘टावर तोड़’ एक्शन, खनन और लकड़ी माफियाओं की कमर तोड़ी”
अज़हर मलिक
उधम सिंह नगर। तराई पश्चिमी डिवीजन में जब से डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने कमान संभाली है, वन विभाग की कार्यशैली में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए उन्होंने न केवल खनन और लकड़ी माफियाओं की गतिविधियों पर लगाम कसी है, बल्कि जंगलों और वन विभाग की संपत्तियों पर अवैध कब्जों को भी हटाने का साहसिक कदम उठाया है।
खनन और लकड़ी माफियाओं पर कड़ी चोट
प्रकाश चंद्र आर्य के नेतृत्व में वन विभाग लगातार सक्रिय है। खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए अब तक कई वाहनों और उपकरणों को जब्त किया गया है। वहीं, लकड़ी माफियाओं के अवैध कटान को रोकने के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है। उनके निर्देशों के बाद विभाग ने जंगलों में बढ़ती अवैध गतिविधियों पर नकेल कस दी है।
गुर्जरों की मनमानी पर भी कार्रवाई
तराई पश्चिमी डिवीजन में गुर्जरों द्वारा जंगलों में अपनी मनमानी से गुजर-बसर करने और वन संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की शिकायतें लंबे समय से आ रही थीं। डीएफओ ने इन गतिविधियों को गंभीरता से लेते हुए कई गुर्जरों को जंगल खाली करने के आदेश दिए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह कदम पर्यावरण संरक्षण और वन विभाग की संपत्तियों की सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है।
अवैध कब्जों के खिलाफ बेदखली अभियान
वन विभाग की संपत्तियों पर हो रहे अवैध कब्जों को लेकर डीएफओ ने कड़ा रुख अपनाया है। उनके निर्देश पर कई स्थानों पर बेदखली अभियान चलाया गया है, जिसमें जंगलों की जमीन को खाली कराकर वन विभाग के कब्जे में लिया गया है।
डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने कहा, “जंगल हमारी प्राकृतिक संपत्ति हैं और उनका संरक्षण हमारी प्राथमिकता है। खनन और लकड़ी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। वन विभाग की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”
डीएफओ आर्य की सक्रियता ने विभाग में नई ऊर्जा भर दी है। उनके नेतृत्व में वन विभाग लगातार अपने मिशन पर डटा हुआ है, जिसका असर पूरे क्षेत्र में साफ दिख रहा है। चाहे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई हो या जंगलों की सुरक्षा, उनके ‘टावर तोड़’ एक्शन ने पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा दी है।