काशीपुर नगर निगम का फायर ब्रांड एक्शन: सरकारी संस्थाओं पर ₹72 लाख का टैक्स बकाया, अब चुकाना होगा!
अज़हर मलिक
काशीपुर : काशीपुर नगर निगम ने करदाताओं के खिलाफ एक ऐसी सख्ती दिखाई है, जो कई सरकारी संस्थाओं के माथे पर चिंता की लकीरें छोड़ सकती है। सरकारी विभागों और संस्थाओं पर ₹72 लाख से ज्यादा का टैक्स बकाया होने के बाद नगर निगम ने नोटिस जारी किए हैं और अब ये संस्थाएं समय पर भुगतान न करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकती हैं। क्या ये बकाया राशि वसूल पाई जाएगी? और क्या शहर में विकास कार्यों को गति मिलेगी? यह सवाल अब सबके जेहन में है।
अलग-अलग संस्थाओं पर बकाया और करोड़ों की वसूली का लक्ष्य
नगर निगम ने जिन 32 सरकारी संस्थाओं को नोटिस भेजे हैं, उनमें प्रमुख विभागों और स्कूलों का नाम शामिल है। इन संस्थाओं में सबसे बड़ा बकाया ₹7,98,608 श्रीराम सिन्हा विद्यालय पर है, जबकि अन्य पर भी भारी बकाया चढ़ा हुआ है। अब सवाल यह है कि क्या इन बड़े विभागों पर दबाव डालकर निगम अपनी भारी बकाया राशि वसूल कर पाएगा?
अकेले काशीपुर नगर निगम पर क्यों इतना बकाया?
यह एक बड़ा सवाल है। काशीपुर नगर निगम ने अब तक कई बार इन संस्थाओं को कर चुकाने के लिए अल्टीमेटम दिए हैं, लेकिन फिर भी देरी से भुगतान होता रहा है। अब नगर निगम ने सख्ती से न सिर्फ नोटिस जारी किए हैं, बल्कि चेतावनी भी दी है कि अगर समय पर भुगतान नहीं किया गया तो इस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
विकास की राह में बाधा बने बकाया कर की वसूली!
नगर निगम के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि यह टैक्स वसूली सिर्फ एक कानूनी कदम नहीं, बल्कि शहर के विकास के लिए जरूरी है। यह ₹72 लाख निगम के विकास कार्यों में योगदान करेंगे—सड़कों की स्थिति सुधारने, नए प्रोजेक्ट्स शुरू करने और काशीपुर को और अधिक स्मार्ट बनाने में।
क्या सरकारी संस्थाएं इस बार सच में समय पर भुगतान करेंगी?
अब सबकी नजरें इन संस्थाओं पर हैं। क्या वे इस बार नगर निगम के नोटिस का पालन करते हुए समय पर कर चुकाएंगी? या फिर काशीपुर नगर निगम को फिर से अपनी ताकत का अहसास कराना पड़ेगा? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन यह कार्रवाई नगर निगम के सख्त इरादों को साफ तौर पर दर्शाती है।
नगर निगम का साफ संदेश: “सभी को होगा टैक्स चुकाना!”
नगर निगम ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को कड़ी चेतावनी दी है कि कर का भुगतान अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी बन चुका है। निगम का कहना है कि यह अभियान सिर्फ टैक्स वसूली के लिए नहीं, बल्कि काशीपुर के विकास की गति को तेज करने के लिए शुरू किया गया है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या काशीपुर का हर विभाग अपने बकाए का भुगतान समय पर करेगा, और क्या यह सख्त कदम शहर की योजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ा पाएगा।