हैलो, एनसीईआरटी की किताब नहीं लगाई तो लगा लो, निरीक्षण में आ रहे हैं

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हैलो, एनसीईआरटी की किताब नहीं लगाई तो लगा लो, निरीक्षण में आ रहे हैं

मेहरबान जांच नहीं स्कूलों में फोन कर बन रहे कद्रदान

शिक्षा विभाग कार्यालय से स्कूल को गया फोन, किया आगाह

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रुद्रपुर : हैलो, एनसीईआरटी की किताबें स्कूल में लगी है या नहीं। नहीं लगी है तो लगा लो, निरीक्षण में आ रहे हैं। स्कूल के गेट पर चस्पा भी करा दो… जी हां, कुछ इस प्रकार से शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की ओर से स्कूल संचालकों को फोन किया जा रहा है। सवाल तब उठा जब बड़े स्कूलों पर कार्रवाई न करने का मामला उठाया गया। वहीं स्कूलों में भी पुस्तकें बच्चों से जमा कराई जा रही हैं।

समान शिक्षा को लेकर तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में एनसीईआरटी सिलेबस लागू किया था। जिसके बाद उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेश में एनसीईआरटी के अलावा अन्य पब्लिकेशन की पुस्तकों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद निजी स्कूल संचालक मनमानी पर उतर आए। अंधाधुंध दूसरे पब्लिकेशन की पुस्तकें लगानी शुरू कर दी। इससे अभिभावकों की जेब का बोझ बढ़ रहा है। बुक सेलर के साथ कमीशनखोरी भी सिर चढ़कर बोल रहा है। इस मामले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद महानिदेशक ने जांच के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारियाें को दिए। ऊधम सिंह नगर में दो दिन पहले संयुक्त टीम बनाकर जिले भर के स्कूलों में औचक निरीक्षण किया गया और अनियमितताएं भी पाई गईं। 60 स्कूलों को नोटिस दिया गया, लेकिन जिले के कई बड़े स्कूलों में जांच टीम नहीं पहुंची। जिला मुख्यालय के भी बड़े स्कूलों में टीम नहीं पहुंची। जागरण ने बुधवार के अंक में इसे प्रकाशित किया ताे विभाग के कुछ जिम्मेदार स्कूल पक्ष में आने लगे हैं। शिक्षा विभाग के कार्यालय से स्कूलों में फोन कर एनसीईआरटी की पुस्तक लगाने और निरीक्षण में उनके स्कूल पहुंचने को चेतावनी दिया जा रहा है। इतना ही नहीं स्कूल के गेट पर नोटिस चस्पा करने का आइडिया भी दिया जा रहा है। ऐसे में विभाग अपने ही काम को लेकर कितना गंभीर है या गलत करने वालों के लिए हितैशी है समझ से परे हैं। इससे पता चलता है कि बड़े निजी स्कूलों के प्रति शिक्षा अफसर क्यों मेहरबान है।

 

स्कूलों में जमा कराने लगे पुस्तकें

रुद्रपुर : जिन स्कूलों में निरीक्षण नहीं किया गया है उनमें अब रणनीति बनानी शुरू कर दी है। बच्चों से उनकी किताबें स्कूल में जमा कराई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक एनसीईआरटी की पुस्तकों के अलावा सारी किताबें स्कूल में जमा किया जा रहा है। जिससे निरीक्षण हो तो सिर्फ एनसीईआरटी की पुस्तकें ही मिले।

 

किताबों की होम डिलिवरी शुरू

रुद्रपुर : गहमा गहमी के माहौल के बीच अब बुक सेलर भी अलर्ट हो गए हैं। दुकान पर किताब लेने पहुंचे अभिभावकों के मोबाइल नंबर, पता और कक्षा की जानकारी लेकर उन्हें घर भेज रहे हैं। बाद में किताबें उनके घर होम डिलिवरी करा रहे हैं।

 

 

अब तक पुस्तक भंडार पर नहीं जांच

रुद्रपुर : विभाग की ओर से अब तक पुस्तक की दुकानों पर जांच नहीं की गई। जबकि उनके दामों पर भी गौर करने की जरूरत है। किताब, कॉपी के दाम में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं उनके प्रिंट रेट से छेड़छाड़ भी किया जा रहा है।

 

मोबाइल नंबरों की जांच खोलेगा राज

रुद्रपुर : जिला मुख्यालय के कई स्कूलों में बुधवार को फोन किया गया था। जिसमें लोगों को पहले ही निरीक्षण की जानकारी दी जा रही है। यदि मामले की जांच एसआइटी या अन्य विभाग से कराई जाती है तो काल डिटेल से शिक्षा विभाग और स्कूल संचालकों के बीच खेल की सच्चाई का पता चल जाएगा। इस मामले की जांच के लिए संबंधित अधिकारियों के नंबरों की जांच कराने पर स्पष्ट हो जाएगा।

 

 

रमेश चंद्र आर्य, सीईओ

शिक्षा विभाग की ओर से फोन नहीे गया है। यदि इस प्रकार का कोई मामला है तो जांच की जाएगी। मामला सही मिलने पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

 

 

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