ऑपरेशन कालनेमि में पुलिस का बड़ा खुलासा, साधु के वेश में 120 फरेबी धराए – ठगी और आस्था से खिलवाड़ का काला धंधा उजागर
- अज़हर मलिक
ऊधमसिंह नगर की पुलिस ने एक ऐसी परतें खोल दी हैं जिसने आस्था के नाम पर चल रहे सबसे बड़े फरेब की पोल खोल दी है। संत के वेश में घूम रहे वो 120 लोग, जो असल में थे ठग, अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। जिले भर में “ऑपरेशन कालनेमि” चलाकर इन ढोंगी बाबाओं को रंगेहाथ पकड़ा गया है — ये वो लोग थे जो महिलाओं और युवाओं को मानसिक उलझनों से निजात दिलाने के नाम पर वशीकरण, झाड़-फूंक, और टोने-टोटके के जाल में फंसा कर ठगी कर रहे थे।
राज्य सरकार ने साफ आदेश दिए थे — जो भी व्यक्ति साधु-संतों का भेष धारण कर जनता की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करता है, उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए। SSP मणिकांत मिश्रा ने भी सभी थाना प्रभारियों को इस अभियान को गंभीरता से चलाने का निर्देश दिया था। नतीजा ये हुआ कि पूरे जिले में एक साथ छापेमारी हुई और फर्जी बाबाओं की एक फौज पकड़ में आ गई।
शनिवार और रविवार दो दिन चले इस अभियान में पुलिस ने 66 फर्जी बाबाओं को शनिवार को और 54 को रविवार को हिरासत में लिया। जिन पर कार्रवाई हुई, वे हर क्षेत्र में फैले थे – जसपुर, कुंडा, काशीपुर, आईटीआई, बाजपुर, केलाखेड़ा, ट्रांजिट कैंप, रुद्रपुर, किच्छा, पुलभट्टा, सितारगंज, नानकमत्ता और खटीमा में इनका नेटवर्क फैला हुआ था।
👉 सिर्फ एक थाना ट्रांजिट कैंप में ही 16 फर्जी बाबा पकड़े गए, जबकि काशीपुर और जसपुर में 8-8 लोग दबोचे गए।
👉 महिला शिकायतें थीं कि ये ढोंगी बाबा ‘बुरी नजर हटी, लक्ष्मी कृपा आई’ जैसे शब्दों से लुभाते थे और घर में घुस कर घरेलू समस्याओं का हल बताने के बहाने गहने तक ले जाते थे।
👉 इनमें से कई बाबा तो सोशल मीडिया पर एक्टिव थे, खुद को ‘ज्योतिष गुरु’, ‘तांत्रिक महात्मा’ और ‘समस्या समाधान विशेषज्ञ’ कहकर प्रचार कर रहे थे।
अब पुलिस इन सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, ठगी, और धार्मिक आस्था से खिलवाड़ के गंभीर मुकदमे दर्ज कर रही है। हर एक से पूछताछ चल रही है कि उनके पीछे कोई बड़ा गिरोह तो नहीं।
इस पूरे ऑपरेशन ने साबित कर दिया कि अब उत्तराखंड में आस्था के नाम पर ठगी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की ये कार्रवाई उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है जो धर्म का चोला पहनकर अधर्म फैला रहे हैं।