पतरामपुर रेंज में तिरंगे की शान, जंगलों के साए में गूंजे ‘भारत माता की जय’ के नारे
सलीम अहमद साहिल
15 अगस्त… आज़ादी का पर्व… लेकिन इस बार इसका रंग कुछ और ही था। तराई पश्चिमी डिवीजन की पतरामपुर रेंज में जब सुबह-सुबह सूरज की किरणें पेड़ों के बीच से छनकर आईं, तो उनके साथ आई देशभक्ति की वो लहर, जिसने पूरे वन क्षेत्र को गर्व और सम्मान के रंग में रंग दिया।
हरी-भरी वादियों के बीच, जहां सामान्य दिनों में सिर्फ पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती है, आज वहां गूंज रहे थे “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारे। रेंजर महेश बिष्ट के नेतृत्व में ध्वजारोहण हुआ और तिरंगा लहराते ही हवा में देश की खुशबू घुल गई।
इस मौके पर डिप्टी रेंजर रमेश राम, गणेश जोशी (वन दरोगा), दीपक कुमार (वन क्षेत्राधिकारी), ललित आर्य, प्रमोद कुमार, तससेम सिंह, सोनू कुमार, नेहा मालिक और रमेश गुप्ता (ग्रामवासी) समेत तमाम वनकर्मी, अधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे। हर चेहरे पर मुस्कान थी, हर आंख में चमक — मानो तिरंगे की लहर हर दिल में जोश भर रही हो।
कार्यक्रम के बाद, सबने एक साथ मिलकर पौधरोपण किया, मानो इस स्वतंत्रता दिवस पर सिर्फ देशभक्ति नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति भी प्रेम और वचन का संकल्प लिया गया हो। ग्रामीणों और वन विभाग के स्टाफ ने मिलकर चाय-नाश्ता साझा किया, और इसी बीच बच्चों ने देशभक्ति गीत गाकर माहौल को और भी खास बना दिया।
रेंजर महेश बिष्ट ने अपने संबोधन में कहा — “जंगल सिर्फ पेड़-पौधों का घर नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान और हमारी सांसों का सहारा हैं। तिरंगा हमें याद दिलाता है कि इन्हें सुरक्षित रखना भी हमारी देशभक्ति का हिस्सा है।”
पतरामपुर रेंज का यह स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रकृति और राष्ट्र के संगम का उत्सव बन गया। और शायद यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है — जहां तिरंगे की शान और जंगलों की रौनक एक साथ नजर आती है।
