तो क्या वसीम सिद्दीकी के मुकाबले नहीं है कोई प्रत्याशी?
अज़हर मलिक
उत्तराखंड में निकाय चुनाव का माहौल पूरी तरह गरमा चुका है। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है और प्रत्याशी लगातार जनसभाएं कर जनता का समर्थन जुटाने में लगे हैं। अधिकांश सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखा जा रहा है। लेकिन उधम सिंह नगर की जसपुर नगर पालिका अध्यक्ष की सीट पर यह मुकाबला बिल्कुल एकतरफा नजर आ रहा है।
जनता के उत्साह और समर्थन को देखकर ऐसा लगता है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी वसीम सिद्दीकी की स्थिति बेहद मजबूत है। न तो कांग्रेस और न ही भाजपा का कोई प्रत्याशी उनके सामने टिकता दिखाई दे रहा है। यह स्थिति इसलिए बनी है क्योंकि वसीम सिद्दीकी को खुद जनता ने चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया था।
इसके अलावा, जनता का अन्य प्रत्याशियों के प्रति आक्रोश भी वसीम सिद्दीकी के पक्ष में जाता दिख रहा है। कई निर्दलीय और पार्टी प्रत्याशी जनता का विश्वास खो चुके हैं। किसी ने जमीन के नाम पर धोखाधड़ी की, तो कोई बिजली चोरी के मामलों में लिप्त पाया गया। कुछ प्रत्याशियों पर जनता से जुड़े मुद्दों में उदासीनता का भी आरोप है।
इन परिस्थितियों में वसीम सिद्दीकी का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या चुनाव परिणाम भी इस एकतरफा समर्थन की कहानी बयां करेंगे, या फिर चुनावी समीकरणों में कोई अप्रत्याशित मोड़ आएगा।