उत्तराखंड मित्र पुलिस ने फिर किया कमाल, तीन साल की मासूम को रोते हुए मां के पास लौटाया
अज़हर मलिक
जब एक बाप अपनी मासूम बेटी से दूर हो, और एक मां की आंखों में अपने बच्चे की बिछड़न का दर्द झलके, तो उस पल की तड़प शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। उत्तराखंड मित्र पुलिस ने फिर से अपनी संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा का ऐसा नमूना पेश किया है, जिसे देख हर कोई हैरान है।
तीन साल की मासूम बच्ची, जो कई दिनों से अपने मां-बाप से बिछड़ चुकी थी, पुलिस की मदद से वापस अपने घर लौट आई। इस दौरान, उसकी मां की आंखों में केवल एक ही सवाल था – “कब मिलेगी मेरी बेटी?” वहीं उसके बाप का दिल अंदर से टूट रहा था, जब उसे अपनी बेटी की याद में दर्द का सामना करना पड़ रहा था।
उत्तराखंड मित्र पुलिस ने बिना किसी थकावट के, दिल और दिमाग की पूरी ताकत लगाकर, बच्चे को खोज निकाला। बच्ची के मासूम चेहरे पर जो मुस्कान आई, उसने न सिर्फ उसके मां-बाप के चेहरे पर खुशी लाकर आंसू पोंछे, बल्कि पुलिस की मेहनत और संवेदनशीलता को भी साबित कर दिया।
अब बच्ची अपने परिवार के पास है, और उसकी मां की आंखों के आंसू रुक गए हैं। वहीं, बाप का दिल अब अपने बच्चे के पास पहुंचकर आराम महसूस कर रहा है। यह दिल छूने वाली घटना साबित करती है कि खाकी सिर्फ कानून का नहीं, बल्कि संवेदनाओं का भी पहरेदार है।