पेड़ों की चोरी में क्या हैं रेंजर की भूमिका जसपुर

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पेड़ों की चोरी में क्या हैं रेंजर की भूमिका जसपुर

अज़हर मलिक

तराई पश्चिमी डिवीजन की रेंज में पतरामपुर में एक बार फिर माफिया का बोलबाला देखने को मिल रहा है जहां रक्षकों से मिलकर जंगलों के बीच हरे ,सूखे पेड़ों को माफियाओ द्वारा रहस्यमयी तरीके से काटकर गायब किया जाता है जिसकी खबर क्षेत्रीय रेंजर धर्मानंद सुनियाल को नहीं मिल पाती है लेकिन दूर बैठे डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य और एसडीओ संदीप गिरी को पेड़ों के काटने का पता चल जाता है।

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ऐसे में आप खुद अंदाजा लगाइए की रेंजर की पेड़ कटने में क्या भूमिका रहने वाली है क्योंकि जब से पतरामपुर का चार्ज रेंजर धर्मानंद सुनियाल ने संभाला है तब से लगातार हरे पेड़ों के कटने के मामले बढ़ते जा रहे हैं जिसको लेकर उच्च स्तरीय अधिकारी जांच करने की माला भी जप रहे हैं लेकिन कोई भी ठोस कार्रवाई अभी तक किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ नहीं हो पाई है ना ही अभी तक पेड़ काटने वाले माफिया के नाम सामने आए हैं लेकिन जंगलों उजाड़ो अभियान जांच के बाद भी खूब चलता हुआ दिखाई दे रहा है मानो इन माफियाओं को उच्च अधिकारियों का डर नही है।

 

 

 

 

 

 

पतरामपुर क्षेत्र में जिस तरीके से लगातार पेड़ों के गायब होने का सिलसिला जारी है उसे तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं ना कहीं जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से ही पेड़ों को कटवाया जा रहा है। क्योंकि कोई कठोर कार्रवाई अभी तक देखने को नही मिली हैं। रेंजर के क्षेत्र को छोटे-छोटे बिटों में बताकर बीट इंचार्ज भी बनाए जाते हैं और जंगल की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई हैं।

 

 

 

 

 

एक तरफ क्षेत्रीय रेंजर अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी ओर बीट इंचार्ज भी अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों का गायब होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के हाथ लकड़ी माफियाओं तक पहुँचते नजर नही आ रहे हैं और जांच के नाम पर आश्वासन की माला जपने वाले अधिकारी सिर्फ जंगलों के बीच जाकर कटे हुए पेड़ और जड़ और खाली स्थान को ही ढूंढने में लगे हैं जिम्मेदार अधिकारियों को अपने क्षेत्र में पेड़ों की संख्या ही नहीं पता की कुल पेड़ों की संख्या कितनी है। ओर कितने पेड़ो को गायब कर दिया गया है अवैध रूप से काटे गए पेड़ो की संख्या जुटाना भी अधिकारियों के पसीने छूटने लगे हैं

 

 

 

 

 

 

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पतरामपुर से अब एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। जिसको सुनने के बाद आप रेंजर के कार्यशैली पर सवाल उठा सकते हैं। मामला अवैध कटान से जुड़ा है। जिसमे रेंजर धर्मानंद सुनियाल ओर फॉरेस्ट गार्ड ललित आर्य को डेलीवेज वाचर पर डीएफओ को साल की बेसुमार कीमती पेड़ को अवैध रूप से काट कर ठिकाने लगाने की सूचना देने के शक में देलीवेज वाचर सुलेमान को ही रात में रेंजर की मौजूदगी में फारेस्ट गार्ड ने वन्धक बना कर मारपीट करते हुए उसके मोबाइल को छीन लिया गया ओर इतने में भी जब रेंजर ओर फारेस्ट गार्ड का मन नही भरा तो सुलेमान को फिर से रेंज ऑफिस पतरामपुर में बुलाकर फिर मारपीट की गई हैं। वाचर इंसाफ पाने के लिए डर डर भटक रहा है।

 

 

 

 

 

 

जी हां अगर किसी कर्मचारी को अवैध रूप से पेड़ों के कटने की सूचना मिलती है ओर वो अपने अधिकारियों को उससे अवगत कराया जाता है तो उसके साथ दुर्व्यवहार जरूर किया जाता है रेंजर ओर फॉरेस्ट गार्ड की भूमिका लकड़ी तस्करी में क्या है ये मामला उसकी वानगी बया करने के लिए काफी है। लड़की तस्करी में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही कब होगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

 

 

 

 

 

 

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