दारनाथ और बदरीनाथ

Advertisements

दारनाथ और बदरीनाथ

मंदिर परिसर में कई स्थानों पर दान के लिए क्यू आर कोर्ड के बोर्ड लगाने के मामले में विवाद होने लगा है,जिसके चलते तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर की व्यवस्था पर ही अब सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं…अखिर क्या है ये पूरा मामला इस रिपोर्ट में देखिए…

क्यूआर कोड के जरिए दान के मामले को तूल पकड़ा देख बद्री केदार मंदिर समिति ने पुलिस को तहरीर दे दी है, समिति का मानना है कि मंदिरों में दान के लिए क्यूआर कोड के बोर्ड बीकेटीसी की ओर से नहीं लगाए गए थे, वहीं केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित

Advertisements

केदारसभा समिति के सदस्य आचार्य संतोष त्रिवेदी ने इस मामले के सामने आने के बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर ही कई सवाल खड़े कर दिए है…

वही चार धाम महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने इस मामले को चिंताजनक क़रार देते हुए इस तरह की लापरवाही भविष्य में नहीं होने की उम्मीद जताते हुए इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच होने की बात कही है….

दरअसल साल 2017 में बद्री केदार मंदिर समिति और पेटीएम के बीच एक अनुबंध हुआ था और इसके कुछ समय बाद साल 2018 के बाद से मिले ऑनलाइन चंदे की स्थिति स्पष्ट नहीं है हालांकि बीकेटीसी अध्यक्ष ने इस मामले में आंतरिक रुप से जांच पड़ताल कराने की बात कही है क्योंकि मामला मंदिर में ऑनलाइन दान दिए जाने का है लिहाजा लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा होने के कारण मामला बेहद गंभीर है इस पूरे मामले में जब अनादि टीवी ने बद्री – केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से मामला जानने का प्रयास किया तो उन्होंने अनुबंध करने वाली कंपनी की है गलती बताई है साथ ही तमाम तथ्यों का अपडेट लेने की भी बात कही ह

मंदिर को दिए जाने वाले दान से जुड़े इस मामले में आखिर कौन लोग संलिप्त हैं ? और जिन लोगों की भूमिका इस मामले मे संदिग्ध है जांच के बाद इन लोगों पर क्या एक्शन लिया जाएगा ? ऐसे कई बड़े सवालों के जवाब कब तक मिल पाएंगे ?

पेटीएम से मंदिर को ऑनलाइन दान देने के इस गंभीर मामले में भले ही मंदिर समिति और पुलिस ने अपने अपने स्तर से जांच पड़ताल शुरू कर दी हो लेकिन इस मामले में अब देखना दिलचस्प होगा कि दान की धनराशि की वास्तविक तस्वीर आखिर कब तक पूरी तरह से साफ हो पाएगी ?

Advertisements

Leave a Comment