बरेली में योगी सरकार का 100 दिन का महाअभियान:‘बाल विवाह मुक्त भारत’ ड्राइव, ऑपरेशन ज़ीरो टॉलरेंस लागू

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बरेली में योगी सरकार का 100 दिन का महाअभियान:‘बाल विवाह मुक्त भारत’ ड्राइव, ऑपरेशन ज़ीरो टॉलरेंस लागू

 

योगी सरकार का 100 दिन का महाअभियान: यूपी में चलेगी ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ ड्राइव

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जिला- ग्राम- वार्ड स्तर पर चलेगा ऑपरेशन ज़ीरो टॉलरेंस, 8 मार्च 2026 तक बाल विवाह रोकने को सरकार ने कसी लगाम

 

पोर्टल पर हर गतिविधि दर्ज होगी, क़ानून की अवहेलना पर तुरंत होगी कार्रवाई, बाल विवाह की हो रही सीधी मॉनिटरिंग

 

 

हाई-रिस्क वाले 10 जिलों में विशेष फोकस, स्कूल, पुलिस, पंचायत और सामाजिक संगठनों की संयुक्त टीमें मैदान में उतरीं

 

प्रतिज्ञा कार्यक्रम से लेकर केस-स्टडी तक सब अनिवार्य, बाल विवाह खत्म करने को यूपी में 5 विभागों की संयुक्त जंग शुरू

 

शानू कुमार

 

 

 

उत्तर प्रदेश में बाल विवाह के खिलाफ योगी सरकार ने सबसे बड़ा और सख्त अभियान शुरू कर दिया है। बाल विवाह मुक्त भारत राष्ट्रीय अभियान के तहत प्रदेश में 27 नवंबर 2025 से 8 मार्च 2026 तक 100 दिवसीय विशेष महाअभियान चल रहा है। इस दौरान जिला, ब्लॉक, ग्राम और वार्ड स्तर तक ऑपरेशन ज़ीरो टॉलरेंस लागू रहेगा। महिला कल्याण निदेशालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार अभियान से जुड़ी हर गतिविधि, कार्यक्रम, कार्रवाई और रिपोर्ट ‘Bal Vivah Mukt Bharat Portal’ पर अनिवार्य रूप से अपलोड की जाएगी। प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट, फोटो, वीडियो, केस-स्टडी और मीडिया कवरेज को ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा। किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी और CMPO सीधे जवाबदेह होंगे।

 

 

 

10 हाई-रिस्क जिलों पर खास नजर

 

 

 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के आधार पर बाल विवाह की अधिक प्रवृत्ति वाले प्रदेश के 10 जिलों में विशेष फोकस किया गया है। इन जिलों में स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, पंचायत, नगर निकाय और सामाजिक संगठनों की संयुक्त टीमें मैदान में उतारी गई हैं, ताकि बाल विवाह की हर सूचना पर तत्काल हस्तक्षेप हो सके।

 

 

 

सरकार ने अभियान को तीन चरणों में बांटा है

 

 

 

पहला चरण (27 नवंबर से 31 दिसंबर 2025): स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में जागरूकता, छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की भागीदारी।

 

दूसरा चरण (1 जनवरी से 31 जनवरी 2026): मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, मैरिज हॉल, बैंड-बाजा, कैटरर्स, फोटोग्राफर्स जैसे विवाह से जुड़े सेवा प्रदाताओं को जोड़कर निगरानी।

 

तीसरा चरण (1 फरवरी से 8 मार्च 2026): ग्राम पंचायत, वार्ड और समुदाय स्तर पर सीधी निगरानी, हाई-रिस्क परिवारों की पहचान और हस्तक्षेप।

 

 

 

*प्रतिज्ञा, केस-स्टडी और सम्मान अनिवार्य*

 

 

 

अभियान के तहत बाल विवाह विरोधी प्रतिज्ञा कार्यक्रम, सफल हस्तक्षेपों की केस-स्टडी, रोल मॉडल्स की पहचान और बाल विवाह मुक्त ग्राम/वार्ड घोषित करने की प्रक्रिया भी अनिवार्य की गई है। बेहतर कार्य करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों, अधिकारियों और समुदाय सदस्यों को जिला व राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

 

 

 

कानून का कड़ा पालन, एक्शन में प्रशासन

 

 

बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006, किशोर न्याय अधिनियम-2015 और POCSO अधिनियम-2012 के तहत तत्काल कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। हर रिपोर्टेड मामले पर CMPO द्वारा तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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