तंत्र-मंत्र के चक्कर में गई 15 साल की ऋतु की जान, मुस्लिम तांत्रिक ने हिंदू बनकर 13 लाख ठगे, इलाज के नाम पर छल
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां तंत्र-मंत्र के झांसे में आकर एक मासूम बच्ची ने अपनी जान गंवा दी। थाना सदर क्षेत्र निवासी उदयभान की 15 वर्षीय बेटी ऋतु गले की बीमारी से पीड़ित थी, जिसका इलाज परिवार पिछले कई वर्षों से दिल्ली के नामी अस्पतालों में करवा रहा था, लेकिन जब दवाइयों से आराम नहीं मिला, तो उन्होंने एक अनजाने रास्ते पर भरोसा कर लिया— और वही रास्ता उनकी बेटी की मौत की वजह बन गया। दरअसल, 2021 में दिल्ली से ट्रेन में लौटते वक्त परिवार की मुलाकात गौरव नामक एक व्यक्ति से हुई, जिसने खुद को मददगार बताते हुए हरिद्वार के एक तांत्रिक बाबा विजय मौला का नाम सुझाया और कहा कि वहां जाने से इलाज चमत्कारिक रूप से संभव है।
परिवार उस समय निराशा में था और उम्मीद की तलाश में। उन्होंने गौरव की बातों पर भरोसा कर लिया और विजय मौला नाम के तथाकथित बाबा के संपर्क में आ गए। बाबा खुद को हिंदू साधु बताता था, लेकिन बाद में सामने आया कि वह मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है और उसने धर्म छिपाकर झूठी पहचान के सहारे पूरे परिवार को तंत्र क्रिया के नाम पर भ्रमित किया। अगले तीन सालों तक यह बाबा और उसके चेले परिवार को कभी हरिद्वार, कभी बिजनौर, तो कभी नहटौर बुलाकर श्मशान पूजा, काले धागे, ताबीज और झाड़-फूंक जैसे अनुष्ठानों में उलझाते रहे। इन सबके नाम पर परिवार से 13 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई। इलाज तो दूर, बच्ची की हालत दिन-ब-दिन खराब होती चली गई और इस साल आखिरकार ऋतु की मौत हो गई।
इस हादसे ने परिवार को न केवल आर्थिक रूप से तोड़ दिया बल्कि मानसिक रूप से भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। पिता उदयभान का व्यापार खत्म हो गया, माँ के सारे गहने बिक गए और अब उनके पास सिर्फ एक अधूरी उम्मीद और बहुत सारे सवाल बचे हैं। पुलिस को दी गई शिकायत में परिवार ने साफ आरोप लगाया है कि यह सिर्फ धोखा नहीं, बल्कि योजनाबद्ध ठगी है जिसमें बाबा ने अपनी पहचान और धार्मिक स्वरूप तक को छिपाया।
वहीं पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी बाबा विजय मौला समेत उसके साथियों की तलाश की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि उक्त बाबा का एक संगठित गिरोह है जो हिंदू बनकर मरीजों को तांत्रिक उपायों के झांसे में फंसाता है और लाखों की ठगी करता है। ये लोग सोशल मीडिया, ट्रेनों, बसों और मेलों में सक्रिय रहते हैं और धार्मिक आस्था का सहारा लेकर लोगों को बहकाते हैं।
यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि आज के समय में भी अंधविश्वास किस तरह जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई और जनजागरूकता बेहद आवश्यक है ताकि किसी और मासूम की जान ठगी और अंधविश्वास के नाम पर न जाए।