भक्ति में डूबे संत निंदा,नफरत,और अहंकार से दूर रहते हैं, अमृत लाल

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भक्ति में डूबे संत निंदा,नफरत,और अहंकार से दूर रहते हैं, अमृत लाल

यामीन विकट

ठाकुरद्वारा : नगर स्थित निरंकारी सत्संग भवन पर मासिक साधसंगत का आयोजन किया गया जिसमें मुरादाबाद से आए प्रचारक महात्मा अमृतलाल ने सतगुरु के विचारों को साधसंगत के समक्ष रखा।

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प्रचारक अमृतलाल जी ने कहा कि सतगुरु दुनिया को ब्रह्म ज्ञान प्रदान करके मोक्ष प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि सतगुरु हमें सत्य मार्ग पर चलाता है। हमें मन से सतगुरु के चरणों में समर्पित होना चाहिए। भक्ति में डूबे हुए संत निंदा, नफ़रत और अंहकार से दूर रहते हैं।एक भक्त हमेशा काम,क्रोध और मोह से मुक्त होकर जीवन जीता है।एक भक्त ईश्वर के भय में रहकर दुनिया में रहता है। सतगुरु शरीर नहीं होता, बल्कि ज्ञान ही सतगुरु होता है। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज आज संसार को एकत्व और आत्म मंथन की राहें दिखा रहीं हैं।

मुखी ब्रह्म प्रकाश गुप्ता ने प्रतिदिन सत्संग में आने के लिए प्रेरित किया तथा सेवादल संचालक डॉ रामकुमार ने कहा कि सतगुरु की सेवा से जीवन में रौनके आ जाती हैं। इस दौरान

मंच संचालन निशा गोला ने किया तथा साधसंगत में पाकेश चौहान,रमित चौहान, रघुनाथ सिंह, योगेश कुमार, हर्षित चौहान,चंदरकौशिक, देवेंद्र नागपाल, डॉ नरेश कुमार, मुनेश कुमार, हरपाल सिंह, सुरेन्द्र कुमार,शुभम चौहान,हरकेश सिंह,वंदना चौहान, राजबाला चौहान,ईसम देवी, मोनिका चौहान, सुरभि, भूमि, मानसी,पूनम, माला सिंह, परिणीता, रितु गुप्ता, निशा रूहेला सहित सैकड़ो भक्तों ने साधसंगत में प्रतिभाग किया।

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