हत्या का मुकदमा दर्ज न होने से खफा मृतक के परिजनों ने शव को एंबूलेंस में रखकर किया हंगामा,तहसीलदार के आश्वासन पर किया गया अंतिम संस्कार
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : दूसरे दिन भी प्रेमी की हत्या का मुकदमा दर्ज न करने से खफा परिजनों ने शव को एंबूलेंस में ही रखकर घंटों हंगामा किया। भारी पुलिस फोंर्स पहुंची। लेकिन परिजन पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए हंगामा करते रहे। घंटों बाद तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को कार्रवाई कराने का आश्वासन देकर शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए राजी किया।
कोतवाली क्षेत्र के गांव शरीफ नगर निवासी कमल दीप पुत्र दुर्याेधन का पडोस की युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। करीब एक माह पूर्व दोनो घर से फरार हो गए थे। परिजनों व पुलिस का दबाव पडने पर दोनो ने कोतवाली में समर्पण कर दिया था। जहां दोनो के परिजनों में समझौता होने पर पुलिस ने दोनो को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। युवक तभी से दूल्हापुर अपनी रिश्तेदारी में रह रहा था। गुरूवार की सुबह करीब 6 बजे प्रेमी युगल के गुलाबनगर के पास पडा होने की सूचना मिली। जिसपर दोनो के परिजनों ने उन्हें वँहा से उठाकर अलग अलग भर्ती कराया था । युवक को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। युवक के परिजनों ने युवती पक्ष पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। जिसपर पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर शव को पीएम के लिए भेज दिया था। शुक्रवार को जब उसका शव घर पहुंचा तो युवक पक्ष ने युवती पक्ष पर हत्या का आरोप लगाते हुए शव को एंबूलेंस से नहीं उतारा। युवक पक्ष का कहना था कि पुलिस ने युवती पक्ष के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया है। भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। लेकिन मृतक पक्ष हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग पर अडा हुआ था। उनका आरोप था कि पुलिस ने युवती के भाई को हिरासत में लेने का नाटक रचा है। जबकि उसको किसी सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। पुलिस ने दो दिन बाद भी आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया। बाद में तहसीलदार रमेशचंद्र पांडे ने मौके पर पहुंचकर मृतक पक्ष को निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन देकर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राज़ी कर लिया। मृतक के पिता ने तहसीलदार को प्रार्थनापत्र दिया है जिसमें युवती के परिजनों पर हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।
उधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर किसी चोट की पुष्टि नहीं हुई है और उसका बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर मामले की जांच की जा रही है।अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
समय से कार्रवाई होती तो शायद बच जाती कमलदीप की जान,
अब दूसरी प्रेमिका भी खतरे में पुलिस कर रही किसी बडी घटना का इंतजार,
समय से कार्रवाई होती तो शायद बच सकती थी शरीफनगर निवासी कमल दीप की जान । पुलिस कार्यवाही समय से होती तो शायद प्रेमी की जान बच सकती थी। करीब एक माह पूर्व प्रेमी युगल घर से फरार हो गया था। बाद में प्रेमी युगल ने कोतवाली में समर्पण किया। जहां से बिना कार्रवाई के दोनो को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। उसी समय पुलिस प्रशासन द्वारा दोनो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाती तो कमलदीप की जान बच सकती थी। ऐसा ही एक और मामला इसी गांव में तीन माह से चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें भी पुलिस शायद किसी बडी घटना का इंतजार कर रही है। जबकि इस दूसरी प्रेम कहानी में प्रेमिका गांव के चौकीदार से लेकर आईजी और डीआईजी समेत सूबे के मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुकी है। लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। इसमें देर रात प्रेमिका को पीट पीटकर घायल कर दिया। पुलिस प्रशासन की नींद नहीं टूटी तो इस प्रेम कहानी का अंत भी शायद मौत की तरफ इशारा कर रहा है। क्योंकि देर रात भी हमलावरों ने प्रेमिका को मरा जानकर ही छोडा था।