यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : बेकाबू हुई डेंगू की बीमारी ने ले ली एक और जान, मृतका युवती कर रही थी स्टेनो की नोकरी की तैयारी, परिजनों में मचा कोहराम, संक्रमण के लिए नगर पालिका प्रशासन नही उठा रहा है कारगर कदम , लोगो मे पालिका प्रशासन के प्रति बढ़ता जा रहा है रोष,
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बेकाबू हो चुकी डेंगू की बीमारी से गुरुवार को नगर के वार्ड नं 2 निवासी ओमप्रकाश की 22 वर्षीय पुत्री नेहा की उत्तराखंड के काशीपुर स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। बताया गया है कि लगभग 6 दिन पहले उसे बुखार आया था। परिजनों द्वारा पहले उसे नगर में चिकित्सकों को दिखाया गया और बाद में उसकी हालत खराब होने पर उसे काशीपुर ले जाया गया था जंहा उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका दो भाइयों आकाश व गोलू की इकलौती बहन थी और वर्तमान में नगर के एक कोचिंग सेंटर पर स्टेनो की तैयारी कर रही थी। गुरुवार को ही उसकी परीक्षा थी लेकिन डेंगू की चपेट में आई नेहा की मौत हो गई। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है मृतका की माँ उषा रानी व पिता ओमप्रकाश सहित सभी परिजनों का रोते बिलखते बुरा हाल है। बताते चलें कि डेंगू की बीमारी से अकेले नगर में ही अब तक दर्जनों मौतें हो चुकी हैं। लोगो का कहना है कि ऐसी महामारी कोरोना के समय में भी नहीं हुई थी। कुछ लोगों की शिकायत है कि नगर पालिका प्रशासन के ढुल मुल रवैय्ये के चलते और घोर लापरवाही के कारण इस बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है और नगर पालिका की ओर से जो कदम इस वक्त उठाने की ज़रूरत थी वह नही उठाये जा रहे हैं नाममात्र को ही एंटीलारवा और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। लोगों का ये भी कहना है कि नगर में जो दवाई का छिड़काव किया जा रहा है वह काफी दिन पुरानी है और लार्वा पर बेअसर साबित हो रही है। नगर पालिका प्रशासन को हाथ पर हाथ धरे बैठने की जगह इस मामले को बेहद गम्भीरता से लेते हुए नगर में साफ़ सफाई और असर दार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराना चाहिए वरना नगर में हो रही इन मौतों की संख्या में और भी बढ़ोतरी हो सकती है।