Bareilly Impact: आयुष्मान भारत योजना में बड़ी कार्रवाई, Sunrise Hospital पर शिकंजे की तैयारी — शिकायत प्रकोष्ठ के आमिर बेग बाहर
शानू कुमार बरेली
उत्तर प्रदेश के बरेली में आयुष्मान भारत योजना को लेकर चल रही लापरवाही, कमीशनखोरी और अवैध वसूली के खिलाफ आखिरकार बड़ा एक्शन देखने को मिल गया है। यह कार्रवाई सीधे तौर पर The Great News की लगातार और प्रभावशाली ग्राउंड रिपोर्टिंग का असर बताई जा रही है, जिसने स्वास्थ्य विभाग की कुंभकरणीय नींद तोड़कर सिस्टम को हिला दिया है।
पीलीभीत निवासी उर्वेश को 25 सितंबर को हेड इंजरी में Sunrise Hospital में भर्ती कराया गया था और लगभग 3 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई। परिवार ने गंभीर आरोप लगाए कि अस्पताल प्रबंधन ने Ayushman Card होने के बाद भी लाखों रुपये वसूले, और इलाज में भारी अनियमितताएं बरतीं। इसी मामले पर द ग्रेट न्यूज़ की ग्राउंड रिपोर्ट सामने आई और अस्पताल की संदिग्ध गतिविधियों को उजागर किया गया।
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा झटका तब लगा जब आयुष्मान भारत योजना जिला शिकायत प्रकोष्ठ के सदस्य आमिर बेग की गतिविधियाँ संदिग्ध पाई गईं। कई शिकायतों में उनकी भूमिका पर सवाल उठने के बाद उन्हें तत्काल शिकायत पैनल बोर्ड से बाहर कर दिया गया है। अंदरखाने यह भी चर्चा है कि लंबे समय से शिकायतों को सही दिशा में न ले जाने का आरोप उन पर लगता आ रहा था।
अब Sunrise Hospital समेत पूरे केस की जांच की जिम्मेदारी डिप्टी CMO डॉ. लईक अहमद, नोडल अधिकारी डॉ. राकेश सिंह, और डॉ. एम.पी. सिंह को सौंप दी गई है। यह टीम बिलिंग, मेडिकल रिकॉर्ड, मरीजों के बयान, और आयुष्मान योजना के लाभ में गड़बड़ी की हर परत की जांच कर रही है ताकि सच सामने आ सके।
जानकारी के मुताबिक अस्पताल के मैनेजर बताए जा रहे सोहेल पर भी गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने परिवार से पैसे मांगे और आयुष्मान योजना का लाभ देने के बजाय कैश पेमेंट के लिए दबाव बनाया। पीड़ित परिवार के बयान से स्पष्ट है कि Sunrise Hospital पर लापरवाही, वसूली और गलत इलाज के गंभीर आरोप हैं।
The Great News की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी टूटी और विभाग ने तुरंत एक्शन मोड अपनाया। इससे पहले भी देश के कई राज्यों में द ग्रेट न्यूज़ की खबरों का बड़ा असर देखा गया है—फर्जीवाड़े उजागर हुए, स्वास्थ्य विभागों की नींद टूटी और पीड़ितों को राहत के रास्ते खुले।
यह मामला उत्तर प्रदेश में एक बड़ी मिसाल बनकर सामने आया है कि आयुष्मान भारत गरीबों का हक है, किसी की कमाई का जरिया नहीं। विभाग ने संकेत दिए हैं कि जो भी इस योजना में फर्जीवाड़ा करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।