यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : सोमवार को बे मौसम बरसात ने किसानों के सपनों पर फेरा पानी जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। किसानों की धान की 50 प्रतिशत फसल खेतों में कटी पड़ी है जो इस बरसात से बर्बाद होने के कगार पर है। यदि तत्काल मौसम साफ नहीं हुआ तो किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे।अभाकिमस ने मांग की है कि कृषि संबंधित अधिकारियों तथा शासन को किसानों के नुकसान का सर्वे कराकर किसानों के नुकसान की भरपाई अर्थात नुकसान का मुआवजा उपलब्ध कराया जाना चाहिए। किसान पहले से ही गन्ने की फसल में रेड रोट की मार झेल रहा है पूरे पूरे खेत सूख गए हैं अब किसान धान के सहारे था लेकिन धान की फसल भी बरसात ने बर्बाद कर दी है और तेज हवाओं ने गन्ने तथा धान के खेत भी गिरा दिए हैं। कटी हुई धान की फसल पानी के ऊपर तैरने लगी है। किसान नेता प्रीतम सिंह किसानों से मिले तथा बर्बाद फसलों के बारे में किसानों से वार्ता की तथा बर्बाद फसल का मुआवजा प्राप्त करने हेतु किसानों से आवाज बुलंद करने का आवाहन किया। किसान विकास कुमार पूरन सिंह विजयपाल सिंह मनोज कुमार सुरेंद्र सिंह आदि का कहना है कि किसान तथा किसानी को बचाना है तो सरकार के द्वारा किसानों को भरण पोषण हेतु सम्मान जनक मुआवजा दिया जाना अति आवश्यक है।