दरोगा की गंदी जुबान, सिस्टम की गंदी सोच? बांदा की महिला को न्याय या अपमान?
उत्तर प्रदेश की धरती एक बार फिर शर्मसार हुई है। महिला सुरक्षा के दावों की पोल तब खुल गई जब एक पीड़िता को इंसाफ दिलाने वाला पुलिस अधिकारी ही उसके साथ अश्लील हरकतों में लिप्त पाया गया। बांदा जिले के कालिंजर थाने के बरछा चौकी में तैनात दरोगा पवन पांडेय पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं — और सबूत के तौर पर वो ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें दरोगा कहते सुनाई देता है:
“आप बहुत मासूम लग रही थीं… छूने का मन कर रहा था…”
क्या यही है ‘महिला सम्मान’ का योगी मॉडल?
योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर हमेशा से विपक्ष निशाना साधता रहा है, लेकिन इस बार सवाल सत्ता से नहीं, सिस्टम से है। एक महिला अपने ससुराल वालों की प्रताड़ना से परेशान होकर जब थाने पहुंचती है, तो इंसाफ की जगह उसे अश्लील टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। ये एक महिला नहीं, पूरे समाज के भरोसे पर हमला है।
सवाल पुलिस प्रशासन से…
दरोगा पवन पांडेय को तो लाइनहाजिर कर दिया गया है, लेकिन क्या ये कार्रवाई पर्याप्त है?
क्या हर थाने में ऐसे ही अफसरों की पोस्टिंग है जो अपनी कुर्सी का इस्तेमाल महिलाओं के शोषण के लिए करते हैं?
क्या पुलिस की वर्दी अब महिलाओं के लिए खौफ की वजह बनती जा रही है?
सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा
जैसे ही ऑडियो क्लिप वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर लोगों ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की। #BandaInsult #PoliceShame जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोगों ने सवाल उठाए कि योगी सरकार में महिला सुरक्षा सिर्फ नारों तक सिमट गई है क्या?
SP का बयान और जांच का खेल
एसपी बांदा ने बयान दिया है कि डीएसपी को जांच सौंपी गई है और रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई होगी। लेकिन जनता को ये भरोसा कौन दिलाएगा कि वर्दी वाला दरिंदा दोबारा किसी और महिला के साथ ये हरकत नहीं करेगा?
महिला की हिम्मत को सलाम
इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ी बात है महिला का साहस। उसने दरोगा की बातचीत रिकॉर्ड की, SP को भेजा और न्याय की मांग की। यही वह हिम्मत है जो सिस्टम को झकझोरने के लिए काफी है।
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👉 अब समय है कि पुलिस महकमा अपने भीतर झांककर देखे कि ‘सिस्टम की गंदगी’ कहां से निकल रही है।
👉 अब समय है कि योगी सरकार सिर्फ बुलडोज़र नहीं, पुलिस सुधार का ‘क्लीनअप ड्राइव’ भी शुरू करे।
👉 अब समय है कि हर महिला को लगे कि थाना उसका सहारा है, डर नहीं।
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📢 #बोलो:
क्या दरोगा को सिर्फ लाइनहाजिर करना काफी है?
क्या यूपी पुलिस में ऐसे अफसरों पर कड़ा संदेश नहीं देना चाहिए?
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