शौर्य और सेवा का पर्याय डॉ. लईक अहमद अंसारी: पिता की विरासत पर COVID-19 काल में खुद संक्रमित होकर भी बचाए अनगिनत चिराग!
बरेली : डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद अंसारी का जीवन निस्वार्थ त्याग और मानवीय समर्पण की उस महान विरासत का शिखर है, जिसकी नींव उनके पूज्य पिता ने रखी थी। उनके पिता, जो स्वयं एक सरकारी स्कूल के कर्मठ हेडमास्टर थे, ने शिक्षा के माध्यम से असंख्य बच्चों के भविष्य को संवारा। आज, डॉ. लईक अहमद अंसारी उसी सेवा के पथ पर वीरता के साथ चल रहे हैं, जहां उनका हर कदम जरूरतमंदों के लिए संभव मदद और राहत लेकर आता है।

डॉ. लईक अहमद अंसारी ने अपने पिता के उस मूल मंत्र को आत्मसात किया है कि अधिकारी होना केवल पद नहीं, बल्कि जनसेवा का सर्वोच्च अवसर है। उनकी कार्यशैली में वह संवेदनशीलता और समर्पण स्पष्ट झलकता है, जिसके कारण वह हर मंच पर निष्काम भाव से सेवा करने के लिए जाने जाते हैं।

डॉ. लईक अहमद अंसारी का जीवन बलिदान की मिसाल है। उनके प्रशासनिक और मानवीय सेवा के कार्यों की सबसे बड़ी परीक्षा कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान हुई। एक सच्चे योद्धा की तरह, उन्होंने यशस्वी मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के तहत, अपनी जान को दांव पर लगाकर संक्रामक क्षेत्रों का लगातार दौरा किया। वह स्वास्थ्य इकाई की टीम के नायक बनकर उभरे और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर संस्मरणीय सेवाएँ प्रदान कीं।
इस भीषण काल में, जब लोग अपने घरों में दुबके हुए थे, तब डॉ. लईक अहमद खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद भी, संक्रमितों की सेवा में जुटे रहे। उन्होंने न केवल अपने कर्तव्य का निर्वहन किया, बल्कि ना जाने कितने घरों के चिराग बुझने से बचाए। विधायक वीर विक्रम सिंह ‘प्रिंस’ द्वारा जारी प्रशस्ति पत्र उनके इस असाधारण साहस और बेहतर प्रबंधन कार्यों का स्पष्ट प्रमाण है।

डॉ. लईक अहमद अंसारी के बेमिसाल कार्यों की गूंज राष्ट्रीय स्तर पर सराही जा चुकी है। अपने शानदार करियर में उन्हें भारत के सैकड़ों अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है, और वह अनगिनत बार आईएमए तथा विभिन्न सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित हो चुके हैं। हाल ही में आईएमए यूपीकॉन-2025 में उन्हें डॉ. नैम हमीद फॉस्टरिंग फ्रैटरनिटी अवॉर्ड से नवाजा जाना उनके असाधारण योगदान की एक और स्वर्णिम कड़ी है। उनका यह सम्मान, आईएमए बरेली को सर्वश्रेष्ठ शाखा का ताज दिलाने में भी महत्वपूर्ण रहा। उनका यह व्यक्तित्व बरेली और पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणास्रोत है, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी सिखाता रहेगा कि बिना किसी भाव या बदले की उम्मीद के सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है।
