आसमानी झंडा दिवस कार्यक्रम में बेटियों शिक्षित करने पर दिया जोर
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा। भारतीय बाल्मीकि धर्म समाज भावाधस भीम के द्वारा भावाधस राष्ट्रीय संचालक राकेश दानव एवं मुकेश चौधरी के नेतृत्व में आसमानी झंडा दिवस और प्रथम मनीषा वाल्मीकि सम्मान का आयोजन खण्ड विकास क्षेत्र कार्यालय के सभागार में किया गया। कार्यक्रम के पूर्व नगर में जन चेतना बाइक रैली निकाली गई।
रविवार को भारतीय बाल्मीकि धर्म समाज भावाधस भीम के कार्यकर्ता व बाल्मीकि समाज के लोग भारी संख्या में तिकोनिया बस स्टैड के निकट एकत्र हुए। जहां से एक जनचेतना बाइक रैली तिकोनिया चैक पोस्ट से होते हुए मेन बाजार गंज, शगुन चौराहा, बुध बाजार, सरकारी अस्पताल तथा बाबू रामपाल सिंह द्वार होते हुए कार्यक्रम स्थल विकास खंड कार्यालय परिसर मे पँहुची। इस दौरान नगर में बाइक रैली का जगह-जगह फूल वर्षा करके स्वागत किया गया। कार्यक्रम में हाथरस की दलित बेटी मनीषा बाल्मीकिन की याद में प्रथम मनीषा सम्मान डॉ राधा बाल्मीकिन गोल्ड मेडलिस्ट को दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वीरेश भीम अनार्य ने की। मुख्य अतिथि अनिरुद्ध चौहान एवं विशिष्ट अतिथि गौरव चौहान रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश अध्यक्ष आकाश आनंद ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीरेश भीम अनार्य जी ने कहा की आसमानी झंडे की स्थापना 8 मार्च 1992 को रामपुर में हुई थी। इसलिए प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को आसमानी झंडा दिवस मनाया जाता है। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाया जाता है महिला दिवस के उपलक्ष में भावाधस भीम द्वारा प्रथम मनीषा सम्मान की शुरुआत की जा रही है जो प्रत्येक वर्ष दलित समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाली दलित महिला को दिया जाएगा। आज दलित समाज शिक्षित हो चुका है परंतु दलित समाज को अपने इतिहास की जानकारी होनी बहुत जरूरी है। इतिहास की जानकारी के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा की जानकारी भी होना जरूरी है। घर की बेटी पढ़ गई तो वह अपनी आने वाली संतान को पढ़ा सकती है। इसलिए बेटियों का पढ़ा होना बहुत जरूरी है। दलित समाज को चाहिए कि वह अंधविश्वासों, आडंबरो और जुआ शराब जैसी बुराइयों को त्यागते हुए समाज को एक नई दिशा में ले जाएं। यह सब तभी संभव है जब दलित समाज एक झंडे के नीचे संगठित होगा और संघर्ष करेगा। कार्यक्रम में राहुल राही, सतीश परछा, किरेंद्र, अंकित वाल्मीकिन, अनिल कुमार, दीपक, करन कुमार, अनिल कुमार, अमित कुमार, चंद्रपाल, सुरेश फौजी, चंद्रशेखर, शिवनंदन टाक, मनोज पवार, अमन चौधरी, गौरव, सौरभ, कुमार विनय, राजेंद्र भील आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।