नगर व क्षेत्र में आई फ़र्ज़ी पत्रकारों की बाढ़,
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : पिछले लंबे समय से क्षेत्र में फ़र्ज़ी पत्रकार माइक व आई डी लेकर इधर से उधर दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं जिनका असल मे पत्रकारिता से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है। बस किसी न किसी को रोजाना अपना शिकार बनाकर उसे ब्लैकमेल करना ही इनका असली मकसद है।
और ये किसी न किसी तरह अपने उस मकसद में कामयाब भी हो जाते हैं। जैसा काम वैसा दाम वाली तर्ज पर इन फ़र्ज़ी पत्रकारों की फीस दो सौ रुपये से लेकर पांच हजार तक हो सकती है। दिन भर अपने ताम झाम के साथ ये क्षेत्र के दूरदराज इलाको में जाते हैं और कंही किसी ग्राम प्रधान तो कंही किसी राशन डीलर को अपना शिकार बनाकर उससे पैसे ऐंठ लेते हैं।आमतौर पर ये फ़र्ज़ी पत्रकार दो की संख्या में रहते हैं लेकिन अगर कंही बड़ा हाथ मारना हो या इन्हें ये महसूस हो कि उक्त जगह विरोध भी हो सकता है तो इनकी तादात 4 या 6 भी हो जाती है । इनके लिए सबसे आसान शिकार राशन डीलर और झोलाछाप चिकित्सक और छोटे मोटे स्कूल होते हैं जंहा ये रोब झाड़कर नियम कायदों का पाठ पढ़ाकर सामने वाले से पैसा ऐंठ लेते हैं।
अक्सर लोग इनके कारनामों की दास्तान सुनाते हैं लेकिन खुलकर इनकी शिकायत नहीं करते हैं क्योंकि हर जगह कुछ न कुछ कमी तो रहती है जिसका फायदा ये फ़र्ज़ी पत्रकार उठाते हैं। ठाकुरद्वारा के पत्रकारों ने कई बार इस तरह के मुद्दों को स्थानीय प्रशासन के समक्ष रखा है और उनसे मांग भी की है कि ऐसे फ़र्ज़ी लोगो से ठाकुरद्वारा व आसपास के क्षेत्र को मुक्त कराया जाए लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।