भव्य समारोह पूर्वक मनाई गई गुरु गोविंद सिंह की जयंती,
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : सोमवार को तहसील क्षेत्र के ग्राम पसियापुरा पदार्थ स्थित राम सरन लाल मेमोरियल इंटर कालेज में अपने पिता गुरु तेग बहादुर सिंह जी की शहादत के बाद 9 वर्ष की अल्पायु में ही सिक्ख समुदाय के नेतृत्व के पद पर आसीन होकर साहस ज्ञान बलिदान और आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में उभरकर समानता न्याय और निस्वार्थता के लिए आदर्शात्मक नियन्त्रण के लिए पांच मूल सिद्धांतो केश कंघा कड़ा कछ कृपाण को अपनाकर खालसा पंथ की स्थापना करने वाले सिक्खों के दसवें और अन्तिम गुरु गोविन्द सिंह जी की जन्म जयंती को समारोह पूर्वक दिव्यता और भव्यता के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय हिंदू रक्षा सेना के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य जगदीश सक्सेना ने अध्यापक अध्यापिकाओं के साथ सर्वप्रथम गुरु गोविन्द सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उनके चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तत्पश्चात छात्र छात्राओं द्वारा पुष्पा कुमारी एवं धर्मवीर सिंह के निर्देशन में गुरु गोविंद सिंह और उनके बेटों के जीवन बलिदान पर आधारित लघु नाटिकाओं का मार्मिक मंचन करके उपस्थित श्रोतागण के मन को भाव विभोर कर दिया। अपने संबोधन में प्रधानाचार्य ने कहा की गुरु गोविंद सिंह जी भारत के लोगों के लिए एक प्रेरणापुंज है आपने अपने धर्म समाज और देश की रक्षा के लिए मुगलों के सामने झुकना स्वीकार नहीं किया बल्कि मृत्यु का वरण करना उचित समझा न केवल उन पर बल्कि उनके संपूर्ण परिवार पर गर्व है दोनों बेटों ने विषम परिस्थितियों में भी अपने धर्म का त्याग नहीं किया धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का त्याग करके जो शहादत उन्होंने दी उसे संसार युगो युगांतर तक स्मरण रखेगा। हम सबको उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा लेते हुए उनके विचारों और संकल्पों को आत्मसात करना चाहिए सवा लाख ते एक लड़ाऊं, चिड़िया ते मैं बाज तुड़ाऊं, तवै गोविंद सिंह नाम कहांऊ, को अपने सत्य चरितार्थ किया यह बोल भारत की वीर परंपरा का है अगर मानव अपने मन में ठान लें तो लक्ष्य कितना भी कठिन क्यों ना हो वह उसे प्राप्त ही कर लेता है इस अवसर पर कक्षा 12 की छात्रा कुमारी अशी आर्य द्वारा स्वहस्त निर्मित गुरु गोविंद सिंह जी का एक सुंदर सा चित्र प्रधानाचार्य को भेंट किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाली सभी छात्राओं को प्रधानाचार्य द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन धर्मवीर सिंह और मोहम्मद अली जी ने संयुक्त रूप से किया इस दौरान रघुवीर सिंह ,जयपाल सिंह, प्रमोद कुमार ,अनिल कुमार, मुकेश कुमार, पंकज कुमार, निर्वेश कुमारी, पुष्पा कुमारी, सलौनी चौहान, दामिनी कुमारी, का विशेष सहयोग रहा।