ऑपरेशन टाइगर हंट- सीतापुर में दहशत का अंत: आदमखोर बाघिन को वन विभाग ने किया काबू।सिमटते जंगल और बढ़ती बाघों की संख्या अब मानव-वन्यजीव संघर्ष का बड़ा कारण

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ऑपरेशन टाइगर हंट- सीतापुर में दहशत का अंत: आदमखोर बाघिन को वन विभाग ने किया काबू।सिमटते जंगल और बढ़ती बाघों की संख्या अब मानव-वन्यजीव संघर्ष का बड़ा कारण

              सलीम अहमद साहिल 

 

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उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले में बीते एक महीने से दहशत फैला रही आदमखोर बाघिन को आखिरकार वन विभाग की टीम ने सुरक्षित तरीके से काबू में कर लिया। यह बाघिन लगातार इंसानों और मवेशियों पर हमले कर रही थी, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ था।

 

22 अगस्त से शुरू हुए इस “ऑपरेशन टाइगर हंट” में वन विभाग ने कई बार बेट लगाकर बाघिन को पकड़ने की कोशिश की। लेकिन वह हर बार शिकारी अंदाज़ में निकल जाती और अब तक पाँच से अधिक बेट उसका शिकार बन चुके थे।

 

इस मुश्किल अभियान को सफल बनाने के लिए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व, कर्तनियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी और दुधवा नेशनल पार्क से विशेषज्ञों की टीमें बुलाई गईं। इन विशेषज्ञों की सूझबूझ और वन विभाग की सटीक रणनीति की बदौलत बाघिन को आखिरकार ट्रैंकुलाइज कर सुरक्षित पकड़ लिया गया। फिलहाल उसे रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है, जहाँ मेडिकल जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।

 

बढ़ता मानव-वन्यजीव संघर्ष

 

विशेषज्ञ मानते हैं कि लगातार सिमटते जंगल और बढ़ती बाघों की संख्या अब मानव-वन्यजीव संघर्ष का बड़ा कारण बन रहे हैं। जब शिकार और आवास सीमित हो जाते हैं, तो बाघ जैसे बड़े शिकारी गाँवों और बस्तियों का रुख कर देते हैं। यही कारण है कि सीतापुर जैसी घटनाएँ बार-बार सामने आ रही हैं।

 

जनता का आभार

 

बाघिन की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली और वन विभाग की टीम का आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह अभियान वन विभाग की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।

 

वन विभाग का कहना है कि वे न केवल इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए लगातार सतर्क हैं बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए भी लगातार प्रयासरत हैं।

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