बिग ब्रेकिंग: बिजनौर के अमानगढ़ टाइगर रिज़र्व में शिकारियों ने किया रॉयल बंगाल टाइगर का शिकार, खाल सहित कई गिरफ्तार
बिजनौर से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां अमानगढ़ टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में शिकारियों ने भारत के राष्ट्रीय पशु रॉयल बंगाल टाइगर का शिकार कर दिया। वन विभाग की टीम ने इस कार्रवाई का खुलासा करते हुए कई शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके कब्जे से टाइगर की खाल व अन्य अवशेष भी बरामद किए गए हैं। इस सनसनीखेज घटना ने पूरे वन विभाग और इलाके में हड़कंप मचा दिया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए धामपुर स्थित वन विभाग कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कई रेंजों के रेंजरों के साथ-साथ चीफ कंज़र्वेटर ऑफ फॉरेस्ट स्तर के अधिकारी भी मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि बैठक में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहन चर्चा की जा रही है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त रणनीति बनाई जा रही है।
यह मामला न केवल वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर कर रहा है कि क्या राष्ट्रीय पशु की सुरक्षा सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित है। अमानगढ़ टाइगर रिज़र्व जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इतनी बड़ी चूक ने यह साबित कर दिया है कि कहीं न कहीं सुरक्षा में भारी लापरवाही बरती जा रही है।
रॉयल बंगाल टाइगर भारत की शान है और इसे संरक्षित करने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद अगर शिकारी टाइगर का शिकार करने में सफल हो जाते हैं तो यह वन विभाग की नाकामी को उजागर करता है। यह घटना सिर्फ एक टाइगर के शिकार की नहीं बल्कि पूरे पर्यावरण तंत्र और जैव विविधता के लिए एक बड़ा खतरा है।
लोगों का कहना है कि अगर वन विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार इसी तरह चलता रहा तो आने वाले समय में टाइगर की संख्या और भी तेजी से घट जाएगी। राष्ट्रीय पशु को बचाने के लिए न सिर्फ वन विभाग बल्कि समाज के हर वर्ग को आगे आकर जिम्मेदारी निभानी होगी।
अब देखना यह होगा कि वन विभाग और प्रशासन इस पूरे मामले में किस तरह की कार्रवाई करता है और दोषियों को क्या सजा मिलती है। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने रॉयल बंगाल टाइगर की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।