बरेली में बायोमेडिकल वेस्ट को लेकर कठोर कार्रवाई के संकेत, जिला पर्यावरण समिति की बैठक में अस्पतालों को सख्त चेतावनी
रिपोर्ट : शानू कुमार
जनपद बरेली में बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार सख्त है, बरेली डीएम के निर्देश पर आयोजित पर्यावरण समिति की बैठक में अधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि बायोमेडिकल वेस्ट के सेग्रीगेशन और निस्तारण में लापरवाही अब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और नियम उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर कठोर कार्रवाई तय है।
आज बुधवार 300 बेडेड चिकित्सालय के मीटिंग हॉल में जिला पर्यावरण समिति की महत्वपूर्ण बैठक जिला अधिकारी बरेली के निर्देशानुसार आयोजित की गई। यह बैठक 31.10.2025 को हुई समिति की समीक्षा बैठक के अनुपालन में बुलाई गई थी, जिसमें जनपद के सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों की जिम्मेदारियों पर विशेष रूप से जोर दिया गया।
बैठक की अध्यक्षता सीएमओ डॉ विश्राम सिंह ने की, वहीं डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद अंसारी ने बैठक में सभी अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डाला, इसके बाद एस.पी. ग्रीन के प्रतिनिधि ने बायोमेडिकल वेस्ट के संग्रहण, एकांतरण एवं निस्तारण की विस्तृत जानकारी बुकलेट के माध्यम से प्रस्तुत की, और साफ चेतावनी दी कि वेस्ट प्रबंधन में जरा-सी लापरवाही भी पर्यावरणीय क्षति का कारण बन सकती है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ प्रतिनिधि पी.सी. कनौजिया ने बायोमेडिकल वेस्ट के क्लासिफाइड सेग्रीगेशन सिस्टम पर विस्तार से बात की, उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि मेडिकल अपशिष्ट को निर्धारित रंग-कोडेड बकेट में संग्रहित करना न सिर्फ अनिवार्य है, बल्कि यह राष्ट्रीय बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का मुख्य आधार है। उन्होंने चेताया कि बायोमेडिकल वेस्ट को कहीं भी अनियंत्रित रूप से फेंकने पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तहत कठोर दंड का प्रावधान है। साथ ही 10 बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों को बेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WWTP) अनिवार्य रूप से स्थापित करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने यह भी कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट एकत्र करने वाले कर्मचारियों के लिए सुरक्षा दस्ताने पहनना और उनके टीकाकरण का पूरा रिकॉर्ड बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इन मानकों का अनुपालन न करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आईएमए के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. बी.बी. सिंह ने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट का वैज्ञानिक सेग्रीगेशन और सुरक्षित निस्तारण न सिर्फ अस्पतालों की जिम्मेदारी है, बल्कि यह सीधे जनस्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। दोनों कार्यदायी एजेंसियों को सभी प्रक्रियाएँ निर्धारित मानकों के अनुसार अनिवार्य रूप से करनी होंगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह ने अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बायोमेडिकल वेस्ट एकत्र करने वाले सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ तथा एक अद्यतन लॉगबुक रखी जाए, जिसमें प्रतिदिन का पूर्ण विवरण हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब किसी भी प्रकार का अपशिष्ट प्रबंधन बिना निगरानी और रिकॉर्ड के नहीं चल सकेगा।
उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि कार्यदायी एजेंसियां जोन स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएँ और सप्ताह में कम से कम एक बार अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन की समीक्षा बैठक आयोजित करें। अस्पताल परिसरों के बाहर सेग्रीगेशन हेतु स्पष्ट साइन बोर्ड लगाने को भी अनिवार्य किया गया।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अमित कुमार, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. लईक अहमद अंसारी उप प्रभागीय वन अधिकारी आंवला विमल कुमार भारद्वाज, डॉ. अंशु अग्रवाल (वंश अस्पताल, बरेली), आईएमए के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. वी.वी. सिंह, उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नैन सिंह, जिला पर्यावरण समिति के जेआरएफ सदस्य कश्मीर सिंह पाल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी, कार्यदाई एजेंसियों के प्रतिनिधि और विभिन्न अस्पतालों के वरिष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित रहे, वहीं निजी संस्थान की तरफ डॉ अंशु अग्रवाल में कहा कि जो भी दिशा निर्देश दिए गए हैं हम सभी मिलकर उनका पूर्ण रूप से पालन करेंगे।