धड़ल्ले से चल रहा सट्टे व नशे का कारोबार, पुलिस नाकाम
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : नगर में धड़ल्ले से चल रहा है सट्टे व नशीले पदार्थो का कारोबार कोतवाली पुलिस इस काले कारोबार को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।
नगर में लंबे अरसे से सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है और इसी कारोबार में जंहा एक ओर सट्टा कारोबारी मलाई खा रहे हैं तो दूसरी ओर सट्टा खेलने वाले युवाओं व अधेड़ दिन ब दिन बर्बादी की ओर बढ़ रहे हैं। इस कारोबार को नगर के गली मोहल्लों में बड़े आराम से अंजाम दिया जा रहा है लेकिन कोतवाली पुलिस इन सटोरियों को पकड़ने में पूरी तरह नाकाम हो रही है। यदा कदा कोई छोटा मोटा सटोरिया पकड़ा जाता है तो जुए की मामूली धारा में उसका चालान कर दिया जाता है और कुछ ही देर में वह वापस ज़मानत कराकर अपने काम पर लग जाता है।इस तरह से सटोरियों के हौंसले बुलंद हैं
और उनका कारोबार बेरोकटोक जारी रहता है। यंहा आपको ये भी बता दें कि नगर के मुख्य सटोरियों को आज तक कोतवाली पुलिस पकड़ ही नही पायी है अब क्यों नही पकड़ पायी है इसके कई कारण हो सकते हैं, या तो कोतवाली पुलिस के नगर में तैनात पुलिस कर्मी अपना काम ठीक ढंग से नही कर रहे हैं या फिर ठीक ढंग से करना नही चाहते ये तो वही जान सकते हैं लेकिन इतना ज़रूर कहा जा सकता है कि जब शाम होते ही ये सटोरिये आम आदमी को नज़र आ जाते हैं और गली मोहल्लों में सट्टा लगवाते हैं तो फिर ये सटोरिये रात दिन सरकार का पेट्रोल फूंकने वाले और गली मोहल्लों में हूटर बजाते फिरते पुलिस कर्मियों को नज़र क्यों नही आते। बहरहाल इसमे कोई भी राज़ हो लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है
कि नगर के सटोरिये और नशेड़ी ही अपनी जरूरत पूरी न होने पर या सट्टे में बार बार हार जाने के बाद नुकसान की भरपाई के लिए छोटे मोटे अपराध करते हैं और इसकी शुरुआत वो चोरी से करते हैं बाद में फिर यही लोग अपराधी बनते हैं। कोतवाली पुलिस को चाहिए कि ऐसे सट्टे के बड़े कारोबारियों को अपनी गिरफ्त में लेकर इन्हें जेल भेजे और नगर को सट्टे तथा नशे के कारोबार से मुक्ति दिलाये क्योंकि जो हाल सट्टे का है वही नशीले पदार्थो की बिक्री का भी है। नगर में नशे के सामान में स्मेक, गांजा, के साथ साथ नशीली दवाओं की भी बिक्री की जा रही है जिसपर किसी का कोई ध्यान नहीं है।
