शायर सैयद ज़ाकिर अली अर्श के सम्मान में महफ़िल ए सुख़न का आयोजन
फै़याज़ साग़री
शाहजहांपुर : ऑर्डिनेंस क्लोथिंग फैक्ट्री से जून माह में सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी एवम् वरिष्ठ शायर सैयद जाकिर अली अर्श के सम्मान में महफ़िल ए सुखन का आयोजन किया गया।
जिसमें उन्हें शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। साथ ही उनके कार्य व्यवहार की चर्चा की गई। इस दौरान महफिल में शायरों ने गीत गजलों से समा बांध दिया। बीती रात मोहल्ला दिलाजाक स्थित शायर सैयद शारिक अक्स के आवास हुए कार्यक्रम का आगाज रेहान कादरी ने तिलावत ए कुरआन और नातिया कलाम से किया। इसके बाद कार्यक्रम अध्यक्ष असगर यासिर ने अपनी गज़ल पेश की –
तू अपने सिर पे क्यों इल्जाम लेगा।
हमारे कत्ल को खंजर बहुत हैं।।
वरिष्ठ कवि ज्ञानेंद्र मोहन ज्ञान ने वर्तमान परिस्थितियों पर कुठाराघात करते हुए कहा –
हम जानते हैं कैसे गुजारी है ज़िंदगी।
ताउम्र मुश्किलों का है बस सामना किया।।
शायर सैयद ज़ाकिर अली अर्श ने गुनगुनाया –
किताबे दिल में सजाया है किस लिए तुमने।
मैं एक हर्फे गलत था मिटा दिया होता।।
कार्यक्रम के सह संयोजक शायर हमीद खिजर ने सुनाया –
मेरी आहट को सुनकर छुप गए हो।
तुम्हारा अक्स आईना लिए है।
शाहिद रज़ा ने कहा –
क्या बताएं किस लिए ये चश्म ओ लब ख़ामोश हैं।
आज किरदारों की क़िल्लत है कहानी के लिए।।
खलीक शौक ने यूं सुनाया –
जो डूब गया इसमें साहिल नहीं पाएगा।
एक ऐसा समंदर है मजलूम की आहों में।।
राशिद हुसैन राही ने तरन्नुमी अंदाज़ में सुनाया –
तुम्हारे न होने पे भी गुल खिलेंगे।
मगर उन बहारों का हम क्या करेंगे।।
शमशाद आतिफ को श्रोताओं ने भरपूर दाद ओ तहसीन से नवाजा। उन्होंने सुनाया –
हैसियत क्या है तकब्बुर में थे कीमत क्या है।
मिल गई खाक में तब जाना के इज़्ज़त क्या है।
कवि जितेंद्र अग्निहोत्री ने कहा –
साल बीते कई बस इसी चाह में।
तुम मिलोगे मुझे तो किसी राह में।।
संयोजक सैयद शारिक अक्स ने कहा –
एक सराए है अक्स ये दुनिया।
और लोगों का आना जाना है।।
इनके अलावा याकूब सागर, फ़हीम बिस्मिल, इशरत सगीर, शारिक अली आदि ने भी गजलें सुनाकर वाहवाही बटोरी। लखनऊ से वरिष्ठ शायर साजिद खैराबादी ने ज़ाकिर अली अर्श के सम्मान में रचना भेजी। जिसे शारिक अक्स ने सुनाया। संचालन राशिद हुसैन राही व शारिक अक्स ने किया। इससे पूर्व इदराक अदबी तंजीम के महासचिव असगर यासिर, नज़र मेमोरियल सोसाइटी के अध्यक्ष हमीद खिजर, इदारा उफुक ए नौ के अध्यक्ष राशिद हुसैन राही व शायर राशिद नदीम तथा पार्षद मोहम्मद ज़ीशान रिंकू ने सैयद ज़ाकिर अली अर्श को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर शाहज़ेब अंसारी, शैलेंद्र अग्निहोत्री, अज़ान सैय्यद आदि तमाम श्रोता मौजूद रहे। अंत में संयोजक शारिक अक्स ने सभी का आभार व्यक्त किया।