खंड शिक्षा अधिकारी पर शोषण का आरोप लगाते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा ,
यामीन विकट
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ इकाई ठाकुरद्वारा ने विकासखंड ठाकुरद्वारा में कार्यरत खंड शिक्षा अधिकारी मोहित कुमार द्वारा निरीक्षण के नाम पर की जा रही अनियमितताओं में शिक्षकों के शोषण के विरुद्ध जिला कार्यकारिणी द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को खंड शिक्षा अधिकारी मोहित कुमार के विरुद्ध कार्रवाई करने के संबंध में ज्ञापन दिया गया।
ज्ञात हो कि खंड शिक्षा अधिकारी श्री मोहित कुमार अपने साथ विकासखंड छटलैट में कार्यरत अनुदेशक राहुल वर्मा उच्च प्राथमिक विद्यालय कूड़ा मीरपुर को अपने साथ रखते हैं,जो विद्यालयों की पंजिकाओं के फोटो खींचना,उपस्थिति पंजिका,एसएमसी पंजिका,मिड डे मील पंजिका छात्र पंजिका आदि के फोटो खींचता है। संगठन ने बताया कि उक्त अनुदेशक का इसअवधि का मानदेय विकासखंड छजलैट से कैसे आहरित हो रहा है। ठाकुरद्वारा अध्यक्ष वीर सिंह और मंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि खंड शिक्षा अधिकारी के इशारों पर ही अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय राईभूड़, शेरपुर पट्टी ,बहापुर,बहादुर नगर आदि सहित अनेकों विद्यालयों के स्कूल समय में चुपचाप फोटो खींची जा रहे हैं। साथ ही संगठन ने बताया कि अनुदेशक राहुल वर्मा खंड शिक्षा अधिकारी के साथ प्राथमिक विद्यालय दारापुर,मझरा मानावाला,खाईखेड़ा, रामपुर घोघर सहित हर निरीक्षण में साथ रहा है तथा अवैध वसूली का कार्य करता है। संगठन ने खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध और छजलैट में कार्यरत अनुदेशक राहुल वर्मा के विरुद्ध भी कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है,जो खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय ठाकुरद्वारा में तथा अनेकों स्कूलों में अधिकारी के साथ रहता है।आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी मोहित कुमार का छजलैट में भी यही कार्यशैली थी जिस पर इनका वहां से स्थानांतरण जिला अधिकारी के द्वारा संगठन की शिकायत पर मुरादाबाद नगर में हुआ। मुरादाबाद नगर क्षेत्र में भी इनके ऊपर मिड डे मील से संबंधित जांच चल रही है। मोहित कुमार अभद्र भाषा बोलते हैं तथा शिक्षकों को देख लेने की धमकी भी खुलेआम देते हैं। मुरादाबाद नगर क्षेत्र के एक मदरसे में निरीक्षण के नाम पर उनके खिलाफ जांच चल रही है तथा यह निरीक्षण ऑफलाइन करते हैं जबकि विभाग ऑनलाइन निरीक्षक को कहता है। निरीक्षण के कई दिन बाद यह स्पष्टीकरण मनमाने ढंग से मांगते हैं और शिक्षकों का आर्थिक शोषण करते हैं।