यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : रविवार को संत निरंकारी सत्संग भवन पर मासिक साधसंगत का आयोजन किया गया जिसमें प्रचारक जोन जसपुर(उत्तराखंड)से सेवादल क्षेत्रीय संचालक गुरुदयाल सिंह ने सद्गुरु के विचारों को संगत के समक्ष रखा।
गुरुदयाल सिंह ने कहा कि भक्तों को प्रभु के गुणगान, प्यार, सहनशीलता और नम्रता में आनंद आता है, क्योंकि रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास लिखते हैं कि मनुष्य का शरीर बड़े भागों से मिलता है। सद्गुरु ब्रह्म ज्ञान देकर अपने भक्तों को सेवा, सिमरन और सत्संग से जोड़ता है और भक्त अहम् ब्रह्म अस्मि के भाव में जीवन जीता है।ये मानव जन्म ईश्वर की प्राप्ति के लिए मिला है।भक्त हमेशा मीठी भाषा बोलता है। सद्गुरु लोक-परलोक को राम नाम से सुखदाई बनाता है तथा मन को बंधनों से मुक्त करता है।
उन्होंने आगे कहा कि मन का सकारात्मक परिवर्तन होना और सद्गुरु के चरणों में लगाना आवश्यक है। जो प्रेम करते हैं वे ही प्रभु को पाते हैं। मुखी ब्रह्म प्रकाश गुप्ता ने सबको लगातार संगत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मंच संचालन प्रेमप्रकाश ने किया और लंगर की व्यवस्था फैजुल्लागंज की संगत ने किया। संगत में संचालक रामकुमार सिंह, राकेश कश्यप, ओमप्रकाश सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ दीपक कुमार,मुकेश कुमार, वेदप्रकाश शर्मा,नरेश चंचल, दीपक कुमार, कुलदीप कुमार, चन्द्र कौशिक, रिक्की, विवेक, देवेन्द्र नागपाल,हेमेन्द्र प्रताप सिंह,अंजलि ,पूनम शर्मा,वंदना चौहान,पूनम चौहान,माला, प्रीति,रितु गुप्ता, ईसम, सुनीता कश्यप और लक्ष्मी आदि सहित सैकड़ों भक्तों ने हिस्सा लिया।