पंचायत भवन में पिलर और फाटक गायब,आवारा जानवरों ने बनाया अपना आशियाना

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पंचायत भवन में पिलर और फाटक गायब,आवारा जानवरों ने बनाया अपना आशियाना

फैयाज़ साग़री 

शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते पांच वर्षों में पंचायतों को मजबूत करने के लिए योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

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विकास कार्यों की लापरवाही और मानकविहीन निर्माण ने गांव के लोगों को मायूस कर दिया है। विकास खंड सिधौली की ग्राम पंचायत पिलखना इसका ताजा उदाहरण है। यहां पंचायत भवन तो बन गया लेकिन भवन के प्रथम प्रवेश द्वार के पिलर और फाटक गायब हैं। स्थिति यह है कि पंचायत भवन का दरवाजा ही नहीं है। जिससे आवारा जानवर दिन रात अंदर तक घूमते नजर आते हैं। ग्रामीण तंज कसते हुए कहते हैं सीधे अंदर आओ राजा, यहां कोई रोकने वाला नहीं। ग्रामीणों का आरोप है कि भवन का निर्माण प्रधान और सचिव ने मिलकर आनन-फानन में कराया। मानक की अनदेखी इतनी हुई कि न गेट की सुध ली गई और न ही सुरक्षा व्यवस्था की। हाल ही में पंचायत परिसर में वृक्षारोपण की औपचारिकता भी निभाई गई, लेकिन आज एक भी पेड़ दिखाई नहीं दे रहा। ग्रामीण बताते हैं कि शायद प्रधान के घर या भुसौरी में गेट पड़ा हो, लेकिन पंचायत भवन तक उसे लगाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। सबसे बड़ी बात यह है कि जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी (वि/रा) की नज़र भी इस खामियों पर नहीं पहुंची है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह इस प्रकरण की जांच के लिए टीम गठित करें तो विकास कार्यों की असली तस्वीर साफ हो जाएगी। सवाल यह है कि जब करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी पंचायत भवन सुरक्षित नहीं हो पाया तो विकास के नाम पर ग्रामीणों को आखिर मिल क्या रहा है?

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