झोलाछाप के पुत्र ने नाबालिग को प्रेमजाल में फंसा कर किया गर्भवती पैसे के बल पर पीड़ित पक्ष को किया खामोश, पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध,
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : नाबालिग लड़की को प्रेमजाल में फंसाकर झोलाछाप का पुत्र उसकी अस्मत से खिलवाड़ करता रहा। नाबालिग के गर्भवती होने पर मामले की फजीहत हुई तो पैसे के बल पर लड़की पक्ष का मुंह बंद कर दिया। मामला संज्ञान में होने के बावजूद कोतवाली पुलिस भी इस मामले में बिचौलियों की भूमिका निभाती नज़र आई।
नगर के एक मोहल्ले की रहने वाली एक 14 वर्षीय लड़की का स्कूल और ट्यूशन आते जाते नगर के ईदगाह रोड निवासी एक झोलाछाप का पुत्र पिछले लंबे समय से पीछा करता था। काफी दिनों तक पीछा करने के बाद उसने नाबालिग लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। बताया गया है कि इस काम मे दो अन्य लड़के उसकी मदद करते थे। नाबालिग को प्रेम जाल में फंसा कर झोलाछाप का पुत्र उसकी अस्मत से खेलता रहा जिसके चलते लड़की गर्भवती हो गई। मामले का पता जब लड़की पक्ष को हुआ तो उन्होंने कोतवाली पुलिस से शिकायत की ।कोतवाली पुलिस ने इस मामले में आरोपी युवक के दो साथियों को उठा लिया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। उधर आरोपी के पिता ने इस मामले को निपटाने के प्रयास शुरू कर दिए। चर्चा है।
कि इस मामले में पंचायत की गई और सौदेबाजी का दौर कई दिनों तक चलता रहा बाद में सौदा तय हुआ और इस मामले को दबा दिया गया। उधर पैसा लेकर मामला निपटाने की बदनामी से बचते हुए पीड़ित पक्ष का कहना है कि उनके एक रिश्तेदार ने ये फैसला कराया है और उन्हें इस फैसले के लिए कोई पैसा नहीं दिया गया है। कोतवाली पुलिस की बात करें तो कार्यवाही करने की जगह कोतवाली पुलिस भी इस मामले में बिचोलिये की भूमिका निभाती रही। इस घटना की जानकारी मिलने पर जब कोतवाली पुलिस से बात कर सच्चाई जानने का प्रयास करते हुए पीड़ित पक्ष के घर जाने की बात पूछी गई तो पुलिस ने ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि वह गए तो थे।
लेकिन वँहा कोई मामूली झगड़ा था। एक ओर सरकार ऐसे गम्भीर अपराधों के लिए पॉक्सो एक्ट जैसे कानून बना रही है ताकि नाबालिगों और बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाओं को रोका जा सके दूसरी ओर कोतवाली पुलिस ऐसे मामलों को न केवल दबा रही है बल्कि उनमें हो रहे समझौते में भी बिचौलियों की भूमिका निभा रही है। ऐसे में इन अपराधों पर कैसे अंकुश लगेगा ये बात समझ से परे है।