नगर में नशे व सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से जारी, कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं सवाल

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नगर में नशे व सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से जारी, कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे हैं सवाल,

यामीन विकट

ठाकुरद्वारा : नशे और सट्टे का कारोबार नगर व क्षेत्र में चरम सीमा पर किया जा रहा है जिसे कोतवाली पुलिस आंखे मूंद कर देख रही है। पुलिस के इस रवैय्ये से इस कारोबार के करने वालो के हौंसले बुलंद हैं जबकि नशे और सट्टे की चपेट में आये नगर के अनगिनत लोग अपनी और अपने परिवार की ज़िंदगी बर्बाद कर रहे हैं।

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नगर में यूं तो सट्टे व नशे का कारोबार पिछले लंबे अरसे से बेरोक टोक जारी है लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस कारोबार ने तेज़ी पकड़ ली है और अब तो ऐसा लगता है कि जैसे सटोरियों और नशे के सौदागरों को पुलिस का कोई ख़ौफ रहा है नही है। जानकारी के अनुसार नगर में बाहर से नशे के सौदागरों द्वारा नशे के सामान की खेप लाई जाती है और फिर उसे नगर में सप्लाई करने नोजवानों को बेचा जाता है इन नोजवानो में 15 साल से लेकर अधेड़ उम्र तक के नशेड़ियों को स्मेक, चरस और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री की जा रही है। ख़ास तौर पर नगर के नई बस्ती कहे जाने वाले मौहल्लों में इस नशे का कारोबार किया जाता है और सूत्रों के अनुसार कुछ स्थानों पर तो महिलाओं के द्वारा इसकी बिक्री की जाती है। इसी तरह सट्टे के कारोबारी भी नगर में बहुत बड़ी संख्या में अपना काम बेरोकटोक कर रहे हैं सट्टे के बड़े कारोबारियों ने नगर में अपने एजेंट छोड़ रखे हैं जो पूरे दिन सटोरियों के नम्बर लगाते हैं और उन्हें ऊपर अपने आकाओं को भेजते हैं और फिर जब किसी का नम्बर लग जाता है तो उसे नकद राशि देने के लिए बाहर से सटोरियों नगर में आते हैं और अपने एजेंट को पैसा दे जाते हैं। अपनी ज़रूरत के समय पैसा जेब मे न होने पर यही सटोरिये और नशेड़ी छोटी बड़ी चोरियां करने से भी बाज़ नही आते क्योंकि उनका मकसद होता है कि किसी भी हाल में उनकी जरूरत पूरी होनी ही चाहिए। नगर के कुछ स्थानों पर जुआ भी धड़ल्ले से खेला जाता है और आश्चर्य की बात ये है कि नगर की कोतवाली पुलिस को भी इसकी जानकारी है। नगर के दो सिपाहियों द्वारा कुछ समय पहले इन जुआरियों से प्रतिदिन सुविधा शुल्क वसूले जाने की भी चर्चाएँ थीं और ऐसी शिकायत तत्कालीन कोतवाली प्रभारी से भी लोगो द्वारा की गई थीं तब तत्कालीन कोतवाली प्रभारी ने इन दो सिपाहियों में से एक सिपाही का हल्का बदल दिया था। कुल मिलाकर ये तो साफ है कि कंही न कंही इन सटोरियों और नशे के कारोबारियों को किसी न किसी रूप में कोतवाली पुलिस का संरक्षण प्राप्त है वरना कोतवाली पुलिस चाहे तो किसी मंदिर या मस्ज़िद से कोई किसी की चप्पल तक नही उठा सकता है, फिर नशे की खेप नगर में कैसे आ रही है और कैसे सट्टे के बड़े कारोबारी आकर नगर में अपने एजेंट बना रहे हैं। इस सब को देखते हुए कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर अब तरह तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

 

 

 

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