राशिद सुनाता था हनुमान चालीसा, युवती फंसी प्रेमजाल में तो इस्लाम कबूलने का दबाव डालने लगा – लखनऊ से चौंकाने वाला मामला
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक युवती ने प्रेम में धोखा मिलने और जबरन धर्मांतरण के दबाव की शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि गोविंद विहार, चिनहट निवासी राशिद नामक युवक ने पहले खुद को धार्मिक बताकर युवती को प्रभावित किया।
वह उसे शिव चालीसा और हनुमान चालीसा सुनाता था, खुद को दोनों धर्मों का अनुयायी बताकर भरोसा जीतता रहा। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उससे नजदीकियां बढ़ाई, बातचीत करते-करते प्रेम संबंध बनाए और कुछ ही समय बाद उस पर इस्लाम कबूलने का दबाव डालना शुरू कर दिया। जब युवती ने इनकार किया तो आरोपी ने उसे लालच और धमकियों का सहारा लिया। राशिद ने विदेश घुमाने और सऊदी अरब में सेटल कराने का सपना दिखाया, फिर धीरे-धीरे जान से मारने की धमकियां देने लगा। उसने पीड़िता की आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल करने की धमकी दी और कहा कि अगर वह इस्लाम कबूल नहीं करती तो उसके परिवार को नुकसान पहुँचा देगा। लगातार मानसिक उत्पीड़न से युवती टूटने लगी, यहां तक कि उसने आत्महत्या तक का विचार कर लिया। लेकिन हिम्मत जुटाकर उसने अपने घर में बड़ी माँ को सारी बात बताई और उनके साथ चिनहट थाने पहुँची। वहाँ उसने पूरी घटना की लिखित शिकायत दी, जिस पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 506 (धमकी), 354 (मर्यादा भंग), IT एक्ट के तहत फोटो वायरल की धमकी और जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश के आरोप में उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण निषेध कानून के तहत केस दर्ज किया है। युवती की शिकायत के मुताबिक, आरोपी ने काफी समय तक धोखा दिया, धार्मिक आस्था का नाटक कर भरोसा जीतकर संबंध बनाए और फिर असली मंशा सामने लाकर उसे मानसिक और भावनात्मक रूप से डराया-धमकाया। सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल होते ही #LoveJihad और #ForcedConversion जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। लोग इस घटना को समाज के सामने एक चेतावनी मान रहे हैं, खासकर युवतियों को प्रेम के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश में लागू ‘विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021’ के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी को झांसा, लालच या डर दिखाकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता है, तो उसके खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है। दोषी पाए जाने पर 1 से 5 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। अगर पीड़िता नाबालिग या अनुसूचित जाति-जनजाति से है, तो सजा 10 साल तक बढ़ाई जा सकती है। पीड़िता ने पुलिस से आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उसका कहना है कि उसने बहुत कुछ सहा, लेकिन अब वह किसी भी दबाव में नहीं आएगी और राशिद को सजा दिलवाकर ही चैन लेगी। यह मामला समाज के लिए भी एक बड़ा सबक है कि कैसे कुछ लोग धर्म और प्यार के नाम पर धोखेबाज़ी कर रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी और पूरे मामले की जांच प्राथमिकता पर की जा रही है। यह खबर न केवल लखनऊ बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि इसने एक बार फिर “लव जिहाद” और जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों को लेकर बहस को हवा दे दी है।