यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : पिछले कुछ महीनों से नगर व क्षेत्र भर में रहस्यमयी बुखार ने अपना आतंक फैला रखा है। इस बुखार से कोई ऐसा घर बचा हुआ नही है जंहा एक दो लोग इसकी चपेट में न आये हों। इतना ही नहीं बल्कि इस बुखार से अबतक नगर व क्षेत्र भर में सैकड़ों लोगों की जाने जा चुकी हैं।
लेकिन इस रहस्यमयी बुखार ने लोगों का पीछा नही छोड़ा है। हाल ही में इस बुखार के मरीज़ो में कुछ कमी आयी थी तो लोगों ने कुछ राहत की सांस ली थी लेकिन फिर एकाएक बुखार के रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है जो अपने आप मे भारी चिंता की वजह है। कुछ चिकित्सकों का कहना है कि ये डेंगू बुखार है तो कुछ इसे टायफस नामक बुखार बताते हैं जो एक कीट के द्वारा काटने से होता है। अब चाहे इस बुखार का जो भी नाम हो लेकिन फिलहाल ये लोगो के लिए भारी मुसीबत बना हुआ है।
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यंहा इस बात का ज़िक्र करना भी बेहद ज़रूरी है कि आम आदमी या दिन भर मजदूरी कर अपना पेट भरने वाले लोगों के लिए इस बुखार से दोहरी मार पड़ रही है। हालत खराब होने पर जब आम आदमी किसीअस्पताल में भर्ती होता है और चार पाँच दिन में ही उससे 20 हज़ार रुपये का बिल वसूला जाता है तो उसके सामने अनेक समस्याए सामने आकर खड़ी हो जाती हैं और पहले से ही मुसीबत से घिरा व्यक्ति कर्ज के बोझ तले दबकर रह जाता है।
यंहा अगर स्थानीय प्रशासन की बात करें तो वह इस मुसीबत रूपी बुखार से पूरी तरह बेखबर नजर आता है चाहे नगर पालिका प्रशासन हो या गांव देहात कंही कोई इस परेशानी से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है जिसके कारण ये बीमारी कंट्रोल में आने का नाम नही ले रही है। सरकार को इस मामले ठोस कदम उठाते हुए सभी स्थानों पर एक जिम्मेदारी तय करनी होगी तभी जाकर इस रहस्यमयी बुखार से छुटकारा मिल सकता है।