तो क्या सीज हो जाएंगे नगर पालिका अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार ?

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यामीन विकट

ठाकुरद्वारा :  खुद को ज़्यादा काबिल समझना कभी कभी इंसान को बहुत भारी पड़ सकता है कुछ ऐसा ही हुआ है नगर पालिका अध्यक्ष के साथ। जी हाँ अपने चहेतों को काम दिलाने की पालिका अध्यक्ष मोहम्मद इरफान सैफी की खुवाहिश उन्हें उस समय भारी पड़ गई जब प्रदेश सरकार द्वारा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी जेम पोर्टल पर पड़ी तीन निविदाओं को पालिकाध्यक्ष ने अपने अधिकार क्षेत्र का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए इन निविदाओं को निरस्त कर दिया।

 

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इसके लिए उन्होंने पालिका के एक लिपिक दीपक को सस्पेंड करने की धमकी देकर लिपिक से जबरन जेम पोर्टल का पासवर्ड ले लिया और मनमाने ढंग से पोर्टल पर उपलब्ध तीन निविदाओं को निरस्त कर दिया जबकि तीन फर्मो की निविदाओं को अर्ह घोषित कर दिया।इस मामले में जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इससे प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हुई है आपने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है ऐसे में क्यों न आपके वित्तीय अधिकारों को सीज कर दिया जाए।

 

 

जिलाधिकारी द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष से इस मामले में तीन दिन के भीतर जवाब देने की बात कही गई है। बताते चलें कि कूड़ा निस्तारण के लिए बनने वाले एम आर एफ केंद्र की सामग्री खरीदने के लिए ठाकुरद्वारा नगर पालिका परिषद ने जेम पोर्टल पर निविदाएं मांगी थी। इन निविदाओं को स्वीकृत या अस्वीकृत करने का अधिकार जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित क्रय समिति के पास है

 

लेकिन पालिका अध्यक्ष ने पालिका के लिपिक दीपक को धमकाते हुए उक्त पोर्टल का पासवर्ड प्राप्त कर उक्त निविदाएं गलत तरीके से निरस्त कर दी।उधर लिपिक दीपक का कहना है कि पालिकाध्यक्ष ने 2 अक्टूबर को उसे अपने कमरे में बुलाया और एम आर एफ केंद्र के लिए खरीदे जा रहे उपकरणों की जानकारी मांगी। इस पर लिपिक ने फ़ाइल अधिषाषी अधिकारी ललित कुमार आर्य के पास होने की बात कही जिसपर पालिकाध्यक्ष ने लिपिक से कहा कि पासवर्ड दो मुझे उसे खोलकर देखना है। लिपिक का कहना है कि निलंबन के डर से उसने पालिकाध्यक्ष को पासवर्ड दे दिया और पालिकाध्यक्ष ने उन्हें निरस्त कर दिया।

 

 

4 अक्टूबर को ठेकेदारों का फोन अधिषाषी अधिकारी के पास आया तब उन्हें निविदाओं के निरस्त होने की जानकारी मिली उन्होंने लिपिक से बात की तब उन्हें पूरे मामले की जानकारी हुई। इस मामले में अधिशाषी अधिकारी ने पालिकाध्यक्ष से जब इसकी जानकारी ली तो उन्होंने स्वीकार किया कि हां मेने ही निविदाएं निरस्त की हैं मैं अध्यक्ष हूं और मुझे ही भुगतान करना है। इस मामले में जिलाधिकारी ने नोटिस जारी कर कहा गया है कि निविदाओं का निरस्त करना अनुचित और नियम विरुद्ध कृत्य है।

 

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इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने पालिकाध्यक्ष के इस कृत्य को आपत्तिजनक और शासन की मंशा के खिलाफ बताते हुए कहा है कि इससे शासन की छवि खराब हुई है । इस मामले में पालिका के लिपिक दीपक को लताड़ लगाते हुए कहा गया है कि उनके द्वारा अपने दायित्वों का ठीक से निर्वाहन नही किया गया है वरना ऐसी घटना नही होती। उधर पालिकाध्यक्ष को जारी नोटिस में कहा गया है कि क्यों न इस कृत्य के लिए आपके वित्तीय अधिकारों को सीज कर दिया जाए। पालिकाध्यक्ष के इस कारनामे की भनक लगते ही नगर भर में अब चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। और लोग तरह तरह की बातें करते हुए नज़र आ रहे हैं। अब देखना होगा कि जिलाधिकारी द्वारा इस गम्भीर मामले में अगला कदम क्या उठाया जाएगा।

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