यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : न्यायालय कीआंखों में झोंककर मुकदमे में लगी एफ आर को स्वीकृत करने के लिए अभियुक्त ने अपना फोटो लगा हलफ नामा पेश कर दिया।इस मामले में पीड़ित अब आला अधिकारियों के चक्कर काट रहा है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है जबकि आरोपी इतना सबकुछ करने के बाद भी खुलेआम घूम रहा है।
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम शरीफनगर निवासी इकराम पुत्र अकबर अली ने डी आई जी को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा है कि 1 अक्टूबर 2021 की शाम उसपर गांव के ही कुछ लोगो ने लाठी डंडे व चाकू तथा तमंचे से जानलेवा हमला कर उसकी जेब से 18 सौ रुपये छीन लिए थे। इस मामले में 31 अक्टूबर को कोतवाली पुलिस ने हत्या के प्रयास सहित अनेक धाराओं में आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया था। पीड़ित का आरोप है कि अपने राजनेतिक प्रभाव से आरोपियों ने इस मुकदमे में एफ आर लगवा दी थी और मुकदमे के विवेचक ने उक्त एफ आर को न्यायालय ए सी जे एम प्रथम मुरादाबाद के यंहा दाखिल कर दिया था। पीड़ित का कहना है कि इस मामले में न्यायालय की ओर से उसके पास कभी कोई नोटिस या सम्मन आदि कोई सूचना नही प्राप्त हुई। आरोपी पक्ष ने जब गांव में कहना शुरू किया कि हमने मुकदमा खत्म करा दिया है।
तो उसे भनक लगी जिसपर वह अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में एफ आर पर आपत्ति दर्ज करने पंहुचा जंहा पता चला कि इस मुकदमे के एक आरोपी यासीन पुत्र शकूर ने खुद ही फ़र्ज़ी वादी बनकर तथा हलफनामे पर अपना फोटो लगाकर न्यायालय से घोर अंधेरे में रखकर पुलिस द्वारा लगाई गई एफ आर को स्वीकृत करने की बात कही है। पीड़ित का कहना है कि जो हलफनामा न्यायालय में पेश किया गया है उसपर न तो उसका फोटो लगा है और न ही उसके हस्ताक्षर हैं। पीड़ित का आरोप है कि अभियुक्त पक्ष ने न्यायालय के साथ धोखाधड़ी कर षड्यंत्र रचकर उक्त मुकदमे में हलफनामा दाखिल किया है जो कतई असंवेधानिक है। पीड़ित का कहना है कि इस मामले में उसने थाना सिविल लाइन मुरादाबाद को शिकायती पत्र सौंपा था लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नही की गई है। इसके बाद पीड़ित ने कई बार एस पी सिटी तथा एस एस पी के कार्यालय में खुद उपस्थित होकर मामले की शिकायत की और प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो सकी तब पीड़ित ने डी आई जी को फ़र्ज़ी हलफनामे की प्रति के साथ भेजे गए प्रार्थना पत्र में उसे न्याय दिलाये जाने की गुहार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने की भी गुहार लगायी है।अब देखना होगा कि डी आई जी महोदय के दरबार से पीड़ित को न्याय मिलता है या नही।