यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : प्रयागराज हाई कोर्ट ने सी ओ ठाकुरद्वारा को आदेश दिया है कि 30 नवम्बर तक महिला जज की कोर्ट में पेश होकर बिना शर्त माफी मांग लें सी ओ ।
ये है पूरा मामला,दरअसल बीती 24 जुलाई को सी ओ ठाकुरद्वारा राजेश तिवारी दलित उत्पीड़न मामले में अदालत में पीड़िता का कलमबद्व बयान दर्ज कराने पँहुचे थे। वँहा महिला जज ने सी ओ ठाकुरद्वारा से जांच अधिकारी का नाम पूछा था जिसपर सी ओ ने एटिट्यूड दिखाते हुए कहा था कि मैं सी ओ ठाकुरद्वारा हूं नाम रिकॉर्ड में पढ़ लो इस बात पर अदालत ने ऐतराज जताया तो सी ओ ने व्यंग्यात्मक ढंग से नाम बतायां और एक झटके के साथ वँहा से निकल गए थे।
महिला जज ने सी ओ के इस रवैय्ये की शिकायत मुरादाबाद सी जे एम तथा जिला जज से की थी।इसके बाद जिला जज ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के माध्यम से सी ओ को तलब कर पूरे मामले की जानकारी हाईकोर्ट को दे दी थी।हाईकोर्ट ने स्वतः मामले का संज्ञान लिया ।इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा,व न्यायमूर्ति एस ए एच रिज़वी की खंडपीठ ने आरोपी सी ओ के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था। हाल ही में सी ओ ने हाईकोर्ट में सफाई पेश की और अदालत की तौहीन के लिए माफी की गुहार लगायी।
खंड पीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए साफ तौर पर आदेश दिया कि सी ओ को महिला जज की कोर्ट में पेश होकर माफी मांगनी होगी जंहा उन्होंने हेकड़ी दिखाई थी।इस मामले की सुनवाई 30 नवंबर तक स्थगित करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सी ओ ठाकुरद्वारा को महिला जज की अदालत में पेश होकर माफी मांगने की मोहलत दी है।