UP पुलिस का ‘रंगीन सच’: मथुरा में सिपाही शुभम चौहान 50 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार!
मथुरा की पुलिस वर्दी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। आम जनता की रक्षा करने वाला वही सिपाही, जब खुद रिश्वत का सौदागर बन जाए, तो भरोसे की दीवारें हिल जाती हैं।
👉 रिश्वत के जाल में फंसा ‘खाकी’
गोविंद नगर थाने में तैनात सिपाही शुभम चौहान को उस वक्त एंटी करप्शन टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया, जब वो एक ई-रिक्शा चालक से ₹50,000 की मोटी रकम वसूल रहा था। आरोप है कि शुभम ने पहले हर महीने ₹20,000 की वसूली की डील रखी, लेकिन बाद में बोले – “एक बार में 50 हजार दे दो, फिर आराम से चलाओ रिक्शा।”
👉 पीड़ित बोला – “बस बहुत हो गया!”
रिक्शा चालक संजू ठाकुर ने जब यह सब सहन नहीं किया, तो उसने भ्रष्टाचार निरोधक टीम से मदद मांगी। और यहीं से शुरू होती है वो कहानी, जो किसी क्राइम वेब सीरीज़ से कम नहीं…
👉 कैमिकल नोट, प्लानिंग और रंगेहाथ गिरफ़्तारी
टीम ने प्लान बनाया — नोटों पर कैमिकल लगाया गया, जो छूते ही रंग बदलते हैं। जैसे ही सिपाही शुभम ने वो नोट थामे, रंग बदल गया… और खेल खत्म!
एंटी करप्शन की टीम ने मौके पर ही दबोच लिया। पुलिस वर्दी पहनने वाला ये सिपाही अब खुद कानून के कटघरे में है।
👉 निलंबन, मुकदमा और जेल
गिरफ्तारी के बाद शुभम चौहान को तुरंत निलंबित कर दिया गया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज हुई और कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया।
🔍 बड़ा सवाल: सिर्फ शुभम या पूरा सिस्टम?
यह सवाल अब पूरे राज्य में गूंज रहा है — “क्या शुभम अकेला दोषी है? या सिस्टम में कई और शुभम छुपे बैठे हैं?”