मरहूम इस्लामुद्दीन साग़री का ताजि़या हकी़दत के साथ उठाया गया

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मरहूम इस्लामुद्दीन साग़री का ताजि़या हकी़दत के साथ उठाया गया

फै़याज़ उद्दीन 

जगह-जगह पर लंगर किया गया

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शाहजहांपुर नबी के नवासे ईमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की यौमे शहादत के मौके पर मरहूम इस्लामुद्दीन साग़री के घर से ताजिया ग़मगीन माहौल में या हुसैन लब्बैक की सदाओं के साथ नगर से होता हुआ चमकानी कर्बला तक जुलूस निकाला गया। कर्बला में शहीदों की याद में अकीदतमंदों ने जगह जगह सबील लगाकर शर्बत व खानपान का लंगर किया। आने जाने वालों और जुलूस में शामिल लोगों ने जमकर लंगर चखा।

 

 

 

 

इस दौरान सुरक्षा के लिए भारी पुलिस फोर्स मुस्तैदी के साथ डटी रही। मोहर्रम की 10 तारीख को यौमे आशूरा भी कहा जाता है। इस तारीख में इस्लाम मे बेहद खास माना जाता है। इसी दिन यजीदी फौज ने ईमाम हुसैन सहित उनके बहात्तर जां निसारों को शहीद किया था। इसी याद को ताजा करने के लिये मुसलमान मोहर्रम की 10 तारीख को ईमाम हुसैन की शहादत को याद कर उनके नाम पर लंगर लुटाते हैं।

 

 

 

 

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