यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : सरकार के मंसूबो पर पानी फेर रहा बिजली विभाग कभी किसी कारण तो कभी किसी कारण होती रहती है शरीफनगर की बिजली गुल। अवाम को भारी परेशानी का करना पड़ रहा है सामना। स्थानीय राजनेताओं ने साध रखी है चुप्पी।
जी हाँ प्रदेश की योगी सरकार जंहा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति के भरसक प्रयास करते हुए प्रदेश की हालत सुधारने के लिए उच्चाधिकारियों को समय समय पर दिशा निर्देश जारी करती रहती है तो वंही स्थानीय अधिकारियों पर इसका कोई असर नही होता है और वह हमेशा ही अपनी मनमानी पर उतारू रहते हैं। आम जनता इसके लिए सरकार को दोषी मानती है लेकिन हकीकत ये है कि प्रदेश सरकार की नीतियों को निचले स्तर पर पलीता लगाया जा रहा है और बदनामी का दंश सरकार को झेलना पड़ता है। हम बात कर रहे हैं तहसील क्षेत्र के बड़ी आबादी वाले गांव शरीफनगर की जंहा घण्टो घण्टो तक बिजली अकारण ही गुल कर दी जाती है या फिर कोई समस्या आती है तो वह कुछ घण्टो से लेकर कई दिनों तक ऐसे ही बिना हल किये पड़ी रहती है और आम जनता परेशान होती रहती है।ताज़ा मामला मदरसा इस्लामिया मिस्बाह उलउलूम से लेकर जामा मस्जिद तक का है जंहा आज तीसरा दिन है।
कि यंहा की बिजली पूरी तरह ठप्प पड़ी हुई है और इस एरिया में जितने घर हैं वो सारे लोग परेशान हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बात की जाए स्थानीय नेताओं की तो पूरे 5 साल में एक बार इलेक्शन में जो वायदे उनके द्वारा जनता से किये जाते हैं वो बस जुमला बनकर रह जाते हैं जमीनी स्तर पर इन वायदों का कोई महत्व नहीं होता है। बिजली विभाग को इस दोहरी नीति को छोड़ कर ग्राम शरीफनगर की इस समस्या को हल करना चाहिए क्योंकि यंहा के लोग भी बिजली का बिल देते हैं और वो भी आपके उपभोक्ता हैं उनके भी कुछ अधिकार हैं जिन्हें इस तरह नज़र अंदाज़ नही किया जा सकता है।