यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : योगी जी ऐसे भृष्ट अधिकारियों के कारनामे सरकार की छवि को धूमिल कर आगामी लोकसभा चुनाव में नुकसान तो नहीं पँहुचाएँगे ? जो केवल अपनी जेब भरकर सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीतियों को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सर्किल का एक थाना इन दिनों प्रदेश सरकार को बदनाम करने में दिनरात ऐसे कारनामो में व्यस्त है कि जो काम विपक्ष पिछले एक साल में नही कर सका वही काम इस थाने के प्रभारी महोदय पूरे जोश के साथ कर रहे हैं और उनके इन कारनामो की वजह से लोग सीधे सरकार पर ही उंगलियां उठा रहे हैं।इस थाने में पिछले कुछ दिनों से किसी भी व्यक्ति को उठाकर बैठा लिया जाता है और फिर दो चार दिन बैठा कर सौदा कर उसे छोड़ दिया जाता है। इस कार्य में महारत हासिल कर चुके थाना प्रभारी खुद को एक असरदार राजनेता का रिश्तेदार भी बताते हैं जिससे लोगों को भी लगता है कि ये महोदय वाक़ई दबंग हैं। इस थाने में अवैध वसूली का शिकार बने लोग फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज किए जाने के डर से इतने डरे हुए हैं कि सामने आकर विरोध करने या आवाज़ उठाने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं और इसी डर का फायदा इस थाने में पूरी तरह से उठाया जा रहा है। ऐसे हालात में एक इकलौते थाना प्रभारी के कारण पूरी प्रदेश सरकार बदनाम हो रही है। योगी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को ऐसे ही लोग पलीता लगा रहे हैं जो आने वाले लोकसभा चुनाव में शायद मौजूदा सरकार के लिए एक खासी परेशानी का सबब बन सकता है। क्योंकि इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि स्थानीय पत्रकार सबकुछ जानते हुए भी खामोश हैं और उन्होंने अपने कलम उठा कर ताक पर रख दिये हैं कि अगर वो सच्चाई लिखेंगे तो थाना प्रभारी उनके खिलाफ झूठे और फ़र्ज़ी मुकदमे दर्ज कराकर उन्हें जेल भेज देंगे। अब आप खुद सोचिए जंहा कलमकार इतने डरे सहमे हुए हों वँहा एक आम नागरिक कितना डरा और सहमा हुआ होगा । वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात को गम्भीरता से लेकर थाना प्रभारी की गुप्त रूप से जांच करानी चाहिए और खुद को तथा प्रदेश सरकार को इस बदनामी से बचाकर लोगो के बीच कानून का राज कायम रखने का काम करना चाहिए। ताकि लोगों के दिल में पुलिस के ख़ौफ़ की जगह पुलिस और कानून की इज्ज़त हो उन्हें महसूस हो कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नही है अगर कोई गुनहगार है तो वह बचेगा नही और कोई बेगुनाह है तो उसे कोई सताएगा नही चाहे फिर वो कितना ही प्रभावशाली क्यो न हो।