यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : सह खातेदार द्वारा भूमि पर अवैध कब्जा करने तथा काटे गए लिप्टिस के पेड़ो को न उठवाए जाने की शिकायत पर कोई कार्यवाही न होने को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने उपजिलाधिकारी कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की।
मंगलवार को तहसील क्षेत्र के ग्राम पाइंदा पुर निवासी और हाल निवासी जसपुर (उत्तराखंड)सीमा देवी पत्नी स्व पवन कुमार ने बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओ व अपने परिजनों के साथ उपजिलाधिकारी अजय मिश्रा के कार्यालय पर पंहुचकर शिकायत की है कि उनकी दादेलाही भूमि गाटा संख्या 167 व 168 में खेत की मेढ़ पर लिप्टिस का बाड़ा लगा हुआ है।पीड़िता का कहना था कि उक्त भूमि में सहखातेदार उसकी भूमि पर जबरन कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं इसी के चलते वह आएदिन उनकी फसल को भी नुकसान पहुंचाते रहते हैं।पीड़िता का ये भी आरोप था।
https://www.thegreatnews.in/uttar-pradesh/babas-team-won-the-sartaj-changezi-cricket-cup-match/
कि उनका सहखातेदार अपने हिस्से की भूमि में खड़े पेड़ गतवर्ष काट चुका है और अब जब उसने अपने हिस्से की भूमि में पेड़ काट रहे हैं तो वह उन्हें पेड़ नही काटने दे रहे हैं। पीड़िता का कहना था कि शिकायत के बाद मौके पर पँहुचे हल्का लेखपाल ने मौखिक रूप से कहा है कि पेड़ आपके हिस्से की भूमि में ही हैं लेकिन दूसरा पक्ष फसाद पर आमादा है। पीड़िता का ये भी कहना था कि वह अकेली जसपुर से गांव आती जाती रहती है और उक्त दबंगो से उसे अपनी जान का खतरा बना हुआ है। इस मामले में पूर्व में दी गई शिकायतों पर कोई कार्यवाही न होने पर मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए हल्का लेखपाल पर दूसरे पक्ष से सुविधाशुल्क वसूलकर पीड़िता को परेशान करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और उपजिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया। नारेबाजी से नाराज़ उपजिलाधिकारी ने मौके पर कोतवाली पुलिस को बुलवा लिया और शिकायत कर्ताओं से नाराजगी जताई कि वे अभद्र नारेबाजी कर रहे थे। कोतवाली प्रभारी बिजेन्द्र सिंह ने कार्यालय पर मौजूद कार्यकर्ताओं को समझा बुझा कर किसी तरह मामले को शांत किया। इस दौरान सीमा देवी,छाया देवी,संजीव चौहान,पंकज पाल,आकाश दिवाकर,अरविंद,पवन,विपिन कुमार, खूबी सिंह,आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
क्या कहना है उपजिलाधिकारी का
इस मामले में उपजिलाधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि पीड़िता पक्ष व दूसरे पक्ष की भूमि का एक ही खाता है और कानूनी तौर पर अभी उनकी भूमि के हिस्से बटवारे नही हुए हैं ऐसे में कौन सा हिस्सा किसके पास है ये कैसे तय होगा उन्होंने कहा कि पहले भूमि का कानूनी तौर पर बंटवारा हो उसके बाद ही तय किया जाएगा कि कौनसे पेड़ किसके हिस्से में हैं।