भृष्ट अधिकारियों पर क्या अब कोई कार्यवाही होगी ?

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भृष्ट अधिकारियों पर क्या अब कोई कार्यवाही होगी ?

भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को भेजा शिकायती पत्र , होगी कार्यवाही या पड़ेगा ठंडे बस्ते में, योगी सरकार माफियाओं पर कार्यवाही में अव्वल, अधिकारी लगा रहे पलीता

यामीन विकट

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ठाकुरद्वारा : प्रदेश की योगी सरकार को बीते लोकसभा चुनाव में भारी झटका लगा है। विशेषज्ञों के अनुसार इस नुकसान का एक प्रमुख कारण तहसील स्तरों पर अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा व्याप्त भ्रष्टाचार भी है। इसी को लेकर ठाकुरद्वारा के किसानों ने एक शिकायती पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है।

 

 

 

अब देखना है कि सरकार इस पत्र को कितनी गंभीरता से लेकर इसकी जांच करती है या इसको भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। तहसील स्तर पर भाजपा के विभिन्न पदों पर आसीन नेता भी अधिकारियों के आगे नतमस्तक दिखाई दिए। यह नेता अधिकारियों से तहसील स्तर के किसानों एवं व्यापारिक कार्यकर्ताओं की समस्याओं के निदान व जायज कार्य को भी कराने में असक्षम दिखाई दिए। इसी का नतीजा है कि बीते लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद सीट के अंतर्गत आने वाली ठाकुरद्वारा विधानसभा में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा।

 

 

 

 

बुधवार को तहसील में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तहसील क्षेत्र के ग्राम नंहुवाला आदि गावों के दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की है। क्षेत्र के ग्रामीण रमेश, अमन, शिवानंद, मुकेश, भोला, लक्ष्मण ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेज कर आरोप लगाया हैं कि तहसील में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। अधिकारी और कर्मचारी बिना पैसा लिए कोई काम नहीं करते। अधिकारियों ने अपने एजेंट बैठा रखे हैं, जो पैसों की सेटिंग कर चुटकियों में काम करा देते हैं। बाकी व्यक्ति तहसील के चक्कर काटते रहते हैं। आरोप यह भी है कि रियल टाइम खतौनी बनने पर इन तहसील कर्मियों द्वारा मिली भगत कर तहसील क्षेत्र के हजारों किसान की खतौनियों में नाम एवं रकबा गलत कर दिया है। इसको ठीक करने के लिए 10000 से लेकर 50000 रुपए हजार तक की मांग की जा रही है। खतौनी में नाम सही करने व रिपोर्ट लगवाने के नाम पर खुलेआम पैसे लिए जाते हैं।

 

 

 

 

रिपोर्ट लगने के बाद भी उप जिला अधिकारी के यहां से खतौनी सही करने के लिए बाद का निस्तारण महीनों तक नहीं किया जाता जिससे परेशान होकर किसान भ्रष्टाचार के दलदल में फंस ही जाता है और दलालों से सेटिंग कर अपना काम कराने पर मजबूर हो जाता है। बेलगाम अधिकारी भूमाफियाओं से साठ गांठ कर उनका और अपना फायदा कर रहे हैं। तहसील में कार्यरत छोटे से लेकर बड़े कर्मचारी और अधिकारी सभी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे क्षेत्र की जनता त्रस्त हो चुकी है। विदित हो कि बीते दिवस ठाकुरद्वारा के अधिवक्ताओं ने भी राजस्व न्यायालयों में भ्रष्टाचार को लेकर मीटिंग की थी जिसमें यह आरोप लगाया गया था की तहसील ठाकुरद्वारा में राजस्व न्यायालयों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है व खतौनियों में कृषकों के खातों में गलत अंशो को दुरुस्त करने में घोर लापरवाही व उदासीनता बरती जा रही है तथा धारा 32/38,34/35,24 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के वादों में समय से रिपोर्ट न प्राप्त करने और उनका समय से निस्तारण न करने के कारण कृषक एवं अधिवक्ता गण मानसिक रूप से परेशान है तथा इस कारण अनिश्चितकाल तक राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार करने का निर्णय अधिवक्ताओं की आम सभा में लिया गया था।यह प्रदेश की योगी सरकार की आमजन के लिए चलाई जा रही तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं और सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हैं।

 

 

 

 

ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेज कर ईमानदार अधिकारी से जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है। सियासी दिग्गजों के अनुसार यदि भाजपा हाई कमान एवं योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर भी अपराधियों पर चलाए गए चाबुक की तरह कार्रवाई नहीं की तब आने वाले 2027 की विधानसभा चुनाव में इसका नुकसान अवश्य मिलेगा।

 

 

 

 

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