दुर्घटना में हुई युवक की मौत के बाद फूटा भांडा, दरोगा ने खाये थे तीन लाख, दरोगा हुआ लाइन हाजिर, इस रकम में और कौन था शामिल जांच ज़रूरी

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यामीन विकट

ठाकुरद्वारा : सोमवार को जब ईको कार की टक्कर से बाइक सवार छात्र की मौत हो गई और उसका साथी गंभीर घायल हो गया। तब गुस्साए लोगों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया था तबतक लोग समझ रहे थे कि ये गुस्सा युवक की मौत को लेकर है लेकिन कुछ देर बाद ही इस गुस्से की वजह सामने आई तो सभी हैरान रह गए मृतक के परिजनों कोतवाली में तैनात दरोगा पर कुछ दिन पूर्व मृतक से तीन लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगाया।

 

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सोमवार की सुबह काशीपुर मुरादाबाद हाईवे पर लगभग 10 बजे मुरादाबाद की दिशा से आ रही ईको कार कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मुंशीगंज के सामने पहुंची तो ठाकुरद्वारा से मुरादाबाद की दिशा की ओर जा रहे बाइक सवार छात्र कोतवाली क्षेत्र के बोवदवाला निवासी वरुण कुमार (22) पुत्र तेजपाल चौहान और सुंदर नगर भूत खेड़ा निवासी सौरभ (20)तेजपाल की बाइक से टकरा गई। इस दुर्घटना में वरुण की मौत हो गई थी और उसका साथी बुरी तरह घायल हो गया था। दुर्घटना के कुछ ही देर बाद दर्जनों लोगों ने काशीपुर मुरादाबाद हाईवे पर तिकोनिया बस स्टैंड पर चक्का जाम कर दिया था।

 

 

 

मृतक के परिजनों ने जाम के दौरान आरोप लगाया था कि पिछले दिनों मृतक वरुण को शांति भंग के आरोप में जेल भेजने के लिए दरोगा संदीप मलिक ने 3 लाख रुपया वसूला था। यह पैसा उन्हें वापस कराया जाए। चक्का जाम के दौरान मौके पर पहुंचे पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश कुमार उर्फ राकेश और पूर्व भाजपा नगर अध्यक्ष शिवेंद्र गुप्ता ने ग्रामीणों को समझाया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

 

 

 

पूर्व सांसद ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मोबाइल फोन पर बातचीत की तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से दरोगा संदीप मलिक को लाइन हाजिर कर दिया था और कोतवाल विजेंद्र सिंह तथा सीओ राजेश तिवारी को निर्देशित किया कि कल शाम तक पीड़ित परिवार को तीन लाख रुपया वापस दिया जाए। ग्रामीणों ने संतुष्ट होकर जाम खोल दिया था

 

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अब इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या दरोगा संदीप मलिक ने अकेले ही इतनी बड़ी रकम हज़म कर ली थी या फिर कोई और भी इस घोटाले में शामिल था लोगो का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और ये भी सामने आना चाहिए कि क्या कोई और भी है जिसने इस रकम में से हिस्सा लिया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इस मामले की गम्भीरता से जांच करानी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

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