खनन माफियाओं पर वन विभाग के अधिकारियों का एक्शन Forest Department

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 खनन माफियाओं पर वन विभाग के अधिकारियों का एक्शन Forest Department

अज़हर मलिक 

Forest Department : तराई पश्चिमी डिवीजन क्षेत्र में खनन माफियाओं से वन विभाग की जंग लगातार जारी है वन विभाग की टीम खनन माफियाओं के वाहनों पर कार्रवाई कर खनन माफियाओं को कानूनी पाठ पढ़ने का काम कर रही है, उसके बावजूद भी खनन माफिया आपने अवैध खनन के कारोबार को गैर कानूनी तरीके से अंजाम देने से नहीं चूक रहे।

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जिसकी रोकथाम हेतु डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य द्वारा लगातार वन विभाग की टीमों को निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए जिसको लेकर वन विभाग की टीम भी लगातार सक्रिय दिखाई दे रही है और खनन माफिया के वाहनों पर कार्रवाई कर रही है उसी क्रम में आज फिर वन विभाग की टीम ने

 

 

 

29/05/2024 को लगभग 5 पीएम पर गुलजार को कोसी नदी प्रधान घाट पर अवैध खनन करते हुए तथा भागते हुए पीछा कर ट्राली के टायर फोड़कर पकड़ा दो ट्रैक्टरों को पकड़ा है तथा बिना ट्रॉली वन अभिरक्षा में विधिक कार्यवाही हेतु गुलजारपुर वन चौकी में खड़ा कर दिया रामनगर रेंज एवम वन सुरक्षा बल द्वारा कार्यवाही की गई।

 

 

अवैध खनन पर कार्रवाई करने वाली टीम में क्षेत्र रेंजर जेपी डुमरी , वन दरोगा का मोहम्मद इमरान, तेजपाल सिंह मोहन पांडे अन्य वन कर्मचारी थे।

 

 

वन विभाग की इसी टीम ने पूर्व में भी खाना माफिया के हौसले पर प्रहार किए हैं। खनन माफिया के वाहनों पर टीम द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है।

 

 

वन विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी खनन माफियाओं के हौसले टूटने का नाम नहीं ले रहे खनन माफिया लगातार वन विभाग की टीम से आंख मिचौली का खेल खेलने में लगे हैं जैसे ही वन विभाग की टीम से बचने का मौका मिलते हैं तो खनन माफिया अपने वाहन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं।

 

 

 

 

 

खनन माफियाओं द्वारा अधिकारियों से बचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे भी अपने जा रहे हैं उसी है हथ कांडों में से एक हथकांड है व्हाट्सएप ग्रुप, व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा खनन माफियाओं ने कुछ फील्डरों को जगह-जगह नियुक्त कर रखा है जो अधिकारियों के वाहनों का पीछा कर अधिकारियों की सिक्योरिटी में भी हनन करते हैं साथ ही उन के काम में भी वादा डालने का काम कर रहे हैं। जैसे ही जिम्मेदार ईमानदार अधिकारी अपने दफ्तरों से बाहर कार्रवाई के लिए निकलते हैं।

 

 

 

तो खनन माफियाओं के फील्डरों द्वारा इन अधिकारियों की सूचना व्हाट्सएप ग्रुप में डाल दी जाती है और खनन माफियाओं को बता दिया जाता है, सूचना मिलने ही खनन माफियोओ द्वारा वाहनों को इधर-उधर छुपा देते हैं, इतना ही नहीं इस व्हाट्सएप ग्रुप में अधिकारी की छोटी से छोटी जानकारी व्हाट्सएप्प ग्रुप में शेर की जाती है अधिकारी कब अपने परिवार के साथ मिलता है कब अपने परिवार के साथ कहां जा रहा है।

 

ऐसे में आप अंदाजा लगाइए कि कितना घातक और खतरनाक हो सकता है एक जिम्मेदार अधिकारी अपनी जान पर खेल कर कार्रवाई करता है और उसे कुछ लोगों द्वारा उस की प्राइवेसी पब्लिक कर दी जाती है।

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