भाजपा के सिपाही ने ही लहूलुहान कर दिया UCC का ख्वाब!
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी UCC की शुरुआत को भाजपा ने ऐतिहासिक कदम बताया था… लेकिन जब उसकी ही एक वर्दीधारी सोच को ठेंगा दिखा दे, तो सवाल उठता है – क्या पार्टी के भीतर ही कानून का मखौल उड़ाने की खुली छूट है? बात हो रही है हरिद्वार के ज्वालापुर से भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौड़ की, जिन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही दूसरी शादी रचा ली — और वो भी सबके सामने, प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर। यह वही UCC है जिसे लेकर भाजपा गर्व से सीना चौड़ा करती है कि अब कोई भी बिना तलाक के दूसरी शादी नहीं कर सकता। लेकिन जब इस कानून को ठेंगा दिखाने वाला कोई आम आदमी नहीं, बल्कि भाजपा का पूर्व विधायक हो – तो यह सिर्फ शादी नहीं, एक राजनीतिक विडंबना बन जाती है।
जानकारी के अनुसार, सुरेश राठौड़ ने करीब तीन साल पहले नेपाल में सहारनपुर निवासी एक महिला से विवाह किया था, जबकि UCC वर्ष 2025 में उत्तराखंड में लागू हुआ। हाल ही में उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर दूसरी पत्नी उर्मिला सुरेश राठौड़ को सार्वजनिक रूप से सबके सामने पेश किया, जिसका बयान भी अब मीडिया में सामने आ चुका है। यह वही पार्टी है जो संसद में समान कानून की पैरवी करते नहीं थकती, लेकिन जब अपने ही घर में कानून की ऐसी धज्जियां उड़ती हैं, तो पार्टी को भी सवालों के कठघरे में खड़ा होना ही पड़ता है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री ने अब पूर्व विधायक को नोटिस थमा दिया है, लेकिन क्या इतना काफी है? क्या पार्टी अपने सिपाही से वही जवाबदेही मांगेगी, जो वो आम जनता से चाहती है? या फिर यह मामला भी नेताओं की पुरानी ‘दूसरी आदतों’ की तरह फाइलों में बंद हो जाएगा?