तिरंगा यात्रा के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प, पुलिस हिरासत में लिए गए 32 लोग
अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने के लिए सुलगी आग कम होने का नाम नहीं ले रही है। तो वहीं आज अंकिता भंडारी हत्याकांड की CBI जांच को लेकर सैंकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उधर जब सीबीआई जांच की मांग को लेकर अंकिता के गांव से ऋषिकेश होते हुए वनंत्रा रिसॉर्ट तक तिरंगा यात्रा निकाली गई तो पुलिस ने तिरंगा यात्रा को बैराज पुल पर ही रोक लिया। जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प भी हो गई। वहीं इस मामले में पुलिस ने 32 लोगों को हिरासत में ले लिया है। बता दें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में सीबीआई जांच और वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग को लेकर तमाम छात्र संगठन श्रीनगर से पैदल तिरंगा यात्रा लेकर ऋषिकेश पहुंचे। ऋषिकेश पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने तिरंगा रैली को अपना समर्थन दिया और उनके साथ गंगा भोगपुर स्थित अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के रिसॉर्ट की ओर चल दिए लेकिन बैराज पुल पर लक्ष्मण झूला थाना पुलिस ने लोगों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया जिसके चलते लोग नाराज हो गए । आक्रोशित लोगों ने पुल पर ही प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते प्रदर्शन उग्र हो गया और प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प हो गई। दोनों में झड़प इतनी बढ़ गई कि धक्का-मुक्की में एक युवक के सिर से अचानक खून निकलने लगा। आक्रोशित लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने डंडा मारकर युवक का सिर फोड़कर लहूलुहान कर दिया।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला का कहना है कि वीआईपी का नाम जानबूझकर छुपाया जा रहा है क्योंकि वीआईपी कोई और नहीं बल्कि आरएसएस का कोई बड़ा पदाधिकारी है। उन्होंने कहा कि अगर मामले की कार्यवाई नहीं होती तो जल्द ही मामले में आमरण अनशन पर बैठेंगे।