उत्तराखंड में 700 से अधिक मदरसों की जांच, RTI में बड़ा खुलासा
काशीपुर। उत्तराखंड में मदरसों को लेकर बड़ी कार्रवाई का खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2025 में 700 से अधिक मदरसों की जांच केवल एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर और उस पर मुख्यमंत्री के आदेश के बाद की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि इस जांच से संबंधित कोई भी नियम या प्रावधान उत्तराखंड मदरसा बोर्ड, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जिलाधिकारी कार्यालय और उपजिलाधिकारी स्तर पर उपलब्ध ही नहीं कराया जा सका। यह खुलासा काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) को सूचना अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से हुआ है।
आरटीआई के जरिए नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड मदरसा बोर्ड, शासन के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और जिलाधिकारी कार्यालयों से अवैध मदरसों की जांच और सीलिंग से जुड़े नियम और आख्या मांगी थी। जवाब में विभागों ने केवल इतना स्वीकार किया कि उनके पास इस विषय में कोई नियम उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि अपील के बाद भी उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय ने माना कि जांच और सीलिंग के लिए कोई नियम प्रावधान उनके पास मौजूद नहीं है।
उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, 19 दिसंबर 2024 को दैनिक समाचार पत्र में “पंजीकरण के बगैर चल रहे मदरसों की जांच” शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। उसी दिन मुख्यमंत्री द्वारा प्रमुख सचिव को लिखे गए पत्र में तत्काल जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया। इसके बाद 23 दिसंबर 2024 को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने और 10 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
इस आदेश के अनुपालन में जिलाधिकारियों ने जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी। नदीम उद्दीन को उपलब्ध कराई गई 8 जिलों की आख्या के अनुसार कुल 680 मदरसों की जांच की गई, जिनमें से 410 पंजीकृत और 270 अपंजीकृत पाए गए।
जिला-वार स्थिति
देहरादून : 93 मदरसों की जांच, 36 पंजीकृत और 57 अपंजीकृत
उधम सिंह नगर : 237 मदरसों की जांच, 112 पंजीकृत और 125 अपंजीकृत
हरिद्वार : 328 मदरसों की जांच, 259 पंजीकृत और 69 अपंजीकृत
पिथौरागढ़ : 3 मदरसों की जांच, 1 पंजीकृत और 2 अपंजीकृत
अल्मोड़ा : 16 मदरसों की जांच, सभी अपंजीकृत
टिहरी गढ़वाल : 3 मदरसों की जांच, 2 पंजीकृत और 1 अपंजीकृत
रुद्रप्रयाग और चमोली : कोई भी मदरसा संचालित नहीं मिला
महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी जिले की जांच रिपोर्ट में किसी मदरसे में संदिग्ध या गैरकानूनी गतिविधि का उल्लेख नहीं किया गया।