हरिद्वार जिला मुख्यालय पर भोजन माताओं का धारण प्रदर्शन,गीत गा कर सुनाई अपनी पीड़ा

Advertisements

 हरिद्वार जिला मुख्यालय पर भोजन माताओं का धारण प्रदर्शन,गीत गा कर सुनाई अपनी पीड़ा

 

अपनी कई मांगों को लेकर सैकड़ों की संख्या में रोशनाबाद स्थित जिला मुख्यालय पर पहुंची भोजन माताओं ने प्रगतिशील भोजन माता संगठन के बैनर तले भोजन माताएं इंदिरा अम्मा भोजनालय पर एकत्रित हुईं वहां भोजन माताओं ने एक सभा का आयोजन कर धरना प्रदर्शन किया।उसके बाद प्रदर्शनकारी भोजन माताएं पैदल मार्च निकालते हुए जिलाधिकारी कार्यालय परिसर की ओर बढ़ीं। इस दौरान भोजन माताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ गईं और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया।

Advertisements

 

https://www.thegreatnews.in/u-s-nagar/sidkul-police-cracks-down-on-thieves-three-thieves-arrested-with-8-motorcycles/

 

भोजन माताओं का कहना है कि एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है और दूसरी ओर सरकार अब सरकारी विद्यालयों की उपेक्षा कर निजी स्कूलों को प्रोत्साहित कर रही है, जिस कारण प्रदेश की सभी भोजन माताओं में आक्रोश है। भोजन माताओं ने सरकार से मांग उठाई कि भोजन माताओं को स्थायी करने के साथ ही उन्हें स्कूल से निकालना बंद किया जाए. इसके साथ ही भोजन माताओं ने न्यूनतम वेतन लागू करने के साथ ही शासन से प्रस्तावित 5000 रुपए प्रतिमाह मानदेय तत्काल लागू किए जाने की मांग उठाई है।

 

 

संगठन की संयोजिका दीपा ने बताया कि भोजन माताएं बीते कई वर्षों से स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रही हैं।महिलाओं का कहना है कि उत्तराखंड में मिड डे मील योजना के तहत करीब 25 हजार भोजन माताएं सरकारी स्कूलों में कार्य कर रही हैं।स्कूल में खाना बनाने के साथ ही चाय पानी पिलाना, स्कूल को खोलने-बंद करने की जम्मेदारी, स्कूल के कमरों और पूरे प्रांगण की सफाई, जैसे कई काम उनसे कराए जाते हैं।

 

 

भोजन माताओं का कहना है कि उनसे 4 कर्मचारियों के बराबर काम कराए जाने के बाद मात्र 3000 रुपये मानदेय प्रतिमाह दिया जा रहा है। वहीं, अब 19-20 सालों से सरकारी स्कूलों में काम कर रही भोजन माताओं को कभी विद्यालय में बच्चे कम होने के नाम पर तो कभी स्कूलों के निजीकरण के नाम पर निकाला जा रहा है।इससे भोजन माताओं को अपनी नौकरी जाने का मानसिक तनाव भी झेलना पड़ रहा है।

 

Advertisements

Leave a Comment